सुभाष नगर पैसेफिक मॉल में साइबर अपराध से बचाव के पुलिस ने बताए तरीके

पुलिस ने विभिन्न व्यवसायिक केंद्र जाकर वहां मौजूद लोगों को साइबर अपराध व सुरक्षा के बारे में जानकारी दे रही है।

Delhi

Delhi:साइबर अपराध से बचाने के तौर तरीकों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पश्चिमी जिला पुलिस ने एक अभियान की शुरुआत की है। अभियान के तहत पुलिस ने विभिन्न व्यवसायिक केंद्र जाकर वहां मौजूद लोगों को साइबर अपराध व सुरक्षा के बारे में जानकारी दे रही है। व्यवसायिक केंद्रों में जिले के मॉल, बड़ी दुकानें, शोरूम, बाजार शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में बैंकिंग से लेकर पढ़ाई लिखाई के कार्य में इंटरनेट का इस्तेमाल हमलोग रोज करते हैं। आजकल आनलाइन शॉपिंग का भी खूब चलन है। इंटरनेट के तमाम फायदे के बीच आजकल इसके खतरे भी बहुत हैं। धोखाधड़ी के मामले खूब बढ़े हैं। बैंक खातों से पैसे बदमाश उड़ा रहे हैं।

सुभाष नगर स्थित पैसेफिक मॉल से शुरुआत

अभियान के तहत पुलिस अधिकारी सुभाष नगर स्थित पैसेफिक मॉल पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों को साइबर अपराध के बारे में बताया। जब पुलिस अधिकारी यहां पहुंचे तब मॉल में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उपयोगी कार्यक्रम समझ कई लोगों ने पुलिस अधिकारियों की बातों को गौर से सुना।

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फेसबुक पर रहें सतर्क

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि किसी फ़ेसबुक अकाउंट में लड़की की तस्वीर लगी होती है लेकिन वो अकाउंट किसी लड़के ने बनाया होता है। इसी तरह नकली नाम और तस्वीर के साथ भी फेसबुक अकाउंट बना होता है। कई बार ऐसे अकाउंट फर्जी होते हैं। ऐसे अकाउंट का पता लगाने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है। किसी भी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करने से पहले सामने वाले का अकाउंट अच्छी तरह देख लें। संभव है कि प्रोफ़ाइल पिक किसी लड़की की हो, लेकिन गैलरी में उसकी एक भी तस्वीर नहीं हो। इस तरह के अकाउंट से बचना ही चाहिए। अक्सर ऐसे अकाउंट बनाने वाले आसान शिकार की तलाश में होते हैं। चिकनी चुपड़ी बातें करके आपको झांसे में लेने के बाद ये लोग आपसे पैसे ऐंठने में जुट जाते हैं।

सोशल मीडिया पर निजी जानकारी नहीं डालें

कई लोग सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर अपनी दिनचर्या बता देते हैं। घर कहां है, कहां गए हैं और कहां जाने वाले हैं ये सब बता देते हैं। ये सामने वाले को अपराध के लिए न्यौता देने जैसा है। कई बार अपराधी आपकी गतिविधियों की जानकारी पाकर आपकी दी हुई जानकारियों का गलत इस्तेमाल करता है।

क्या करें और क्या नहीं करें

यहां उन उपायों की जानकारी दी, जिनके इस्तेमाल से साइबर धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्यूआर कोड व यूपीआइ पिन का उपयोग सिर्फ पेमेंट के लिए होता है, राशि प्राप्त करने के लिए नहीं। ठग आजकल क्यूआर कोड भेजकर ठगी कर रहे हैं। अनचाहे मैसेज लिंक को क्लिक नहीं करें। ओटीपी शेयर नहीं करें। एसएमएस अलर्ट हमेशा ओपन रखें ताकि हर लेनदेन का अपडेट मिलता रहे। आनलाइन शॉपिंग में लेनदेन की अधिकतम सीमा को कम रखें। कोशिश करें कि अधिकतम सीमा 50 हजार से अधिक नहीं हो। रकम अदा करने के बाद सबूत के तौर पर ट्रांजेक्शन की स्क्रीनशॉट जरूर रख लें। हर एक या दो सप्ताह के बाद अपने शॉपिंग अकाउंट का पासवर्ड जरूर बदलते रहें।

इस तरह के कॉल व संदेश से रहें सतर्क

  • केवाइसी अपडेट के नाम पर आपका अकाउंट खाली हो सकता है
  • दुर्घटना या फिर आपात स्थिति का हवाला देते हुए पैसे की मांग हो सकती है
  • गलती से आपके पेटीएम में पैसे जाने की काल आ सकती है
  • लाटरी निकलने की काल आ सकती है। साथ ही कस्टम क्लीयरेंस के नाम पर पैसे की मांग हो सकती है
  • मोबाइल टावर लगाने की अनुमति मिलने व पैसे देने का संदेश आ सकता है

क्या करना चाहिए

  • किसी भी एसएमएस पर दिए गए लिंक पर क्लिक नहीं करें
  • बैंक से संबंधित कोई मैसेज है तो अपने बैंक में जाकर इसका पता करें
  • अगर किसी परिचित के नाम पर कोई पैसा मांग रहा है तो सबसे पहले उन्हें फोन करें
  • किसी अंजान शख्स से ओटीपी शेयर नहीं करें

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