अब भी गड्ढे नहीं भरे तो बरसातों में साबित होंगे जानलेवा

नगर निगम के पास शहर की सड़कों पर बने खतरनाक गड्ढों की मरम्मत करवाना तो दूर मलवा भरने के लिए भी बजट नहीं हैं।

Faridabad

Faridabad: लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न परियोजनाओं के तहत अरबों रुपए भेज रही है, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही अथवा भ्रष्टाचार की वजह से शहर के लोगों को इन परियोजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। क्योंकि सरकार द्वारा भेज जाने वाले पैसों को नगर निगम के अधिकारी व्यर्थ के कामों में खर्च कर देते हैं। जिसके कारण शहर की आम जनता को परेशानियां झेलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। नगर निगम के पास शहर की सड़कों पर बने खतरनाक गड्ढों की मरम्मत करवाना तो दूर मलवा भरने के लिए भी बजट नहीं हैं। गड्ढेदार सड़कों में कई नई आरएमसी रोड भी शामिल हैं। जिन्हें मजबूती का दावा कर दस गुना ज्यादा महंगा बनाया है। शहर में मानसून लेट आता है, ऐसे में मरम्मत सही समय पर न होने पर इन गड्ढों को भरवा तो सकते हैं।

क्या हादसों का इंतजार है?

शहर की ज्यादातर सड़कें फिलहाल चलने लायक नहीं हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से शहर में कुछ नई सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है, लेकिन अन्य कई प्रमुख सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। बाटा चौक से मुजेसर की ओर आने वाली सड़क की हालत बिल्कुल दयनीय हो चुकी है। बाटा चौक से टाटा स्टील तक इस सड़क पर बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं। इन गड्ढों की वजह से जहां रोज वाहन चालकों को परेशानी होती है। वहीं यहां दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है। इसी तरह शहर से व्यस्त चौराहों में शामिल हार्डवेयर चौक की हालत किसी से छिपी नहीं है। पिछले कई सालों से यह चौक बुरी तरह जर्जर हालत में है, लेकिन इसके बावजूद निगम के अधिकारियों द्वारा इसकी मरम्मत करवाने की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। वहीं हार्डवेयर चौक से सेक्टर 55 टी पॉइंट तक आने वाली सड़क पर अनेक गड्ढे बने हुए है। शहर की अन्य कई सड़कों की भी हालत इसी तरह बनी हुई है।

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अधूरे निर्माण भी जानलेवा

एफएमडीए की तरफ से हाल ही में कुछ सड़कों का निर्माण करवाया गया है। इनमें से कई सड़कों का अधूरा निर्माण कर लंबे समय से काम बंद किया हुआ है। इनमें हार्डवेयर चौक से व्हर्लपूल चौक तक का हिस्सा पिछले करीब तीन चार महीने से अधूरा पड़ा हुआ है। इस अधूरे हिस्सें में जगह जगह गहरे गड्ढे बने हुए हैं। यदि निर्माण कार्य में देरी है तो कम कम से इन गड्ढों को भरवा कर दुर्घटना का खतरा कम किया जा सकता है। इसी तरह एफएमडीए द्वारा एनआइटी औद्योगिक क्षेत्र में सारन-व्हर्लपूल रोड और ओल्ड प्रेस कालोनी-ईस्ट इंडिया रोड का निर्माण करवाया गया है। दोनों सड़कों का निर्माण तो पूरा हो गया, लेकिन इनसे संबंधित कई कम अधूरे हैं। सड़कों के दोनों तरफ न तो जमीन का लेबल सड़क के बराबर किया गया है और न ही टाइल्स बिछाई गई है। जिसके कारण इन सडक़ों के दोनों तरफ खाई बनी हुई है। ऐसे में बरसात आने पर जलभराव हुआ तो वाहन चालकों को खाईयां दिखाई नहीं देगी। ऐसे में दो पहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं।

कम से कम गड्ढे तो भरें

सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र चावला का कहना है कि शहर की ज्यादातर सड़कों पर गहरे गड्ढे बने हुए हैं। वहीं प्रशासन की लापरवाही के कई सड़कों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। सडक़ों के गड्ढे और अधूरे विकास कार्य बरसात में लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम साबित नहीं होंगे। यदि प्रशासन टूटी सड़कों की मरम्मत नहीं करवा सकता तो कम से कम गड्ढों में मलवा तो भरवाया जा सकता है।

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