बॉलीवुड की सबसे आईकॉनिक फिल्मों में से एक देवदास (Devdas) को आज पूरे बीस साल हो गए। साल 2002 में 12 जुलाई को संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित देवदास बनने की कहानी काफी अद्भुत है। संजय लीला भंसाली ने यह फिल्म बंगाल के जाने माने उपन्यासकार शरत चंद्र चट्टोपध्याय के उपन्यास देवदास को लेकर बनाई थी। शरत चंद्र चट्टोपध्याय ने देवदास उपन्यास की रचना करीब सौ साल पहले 1917 में की थी। यह उपन्यास एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो अपनी प्रेमिका से ठुकराए जाने के बाद खुद को शराब में डुबो लेता है और शराब पी पीकर ऐसे ही उसकी मृत्यु हो जाती है। शरतचंद्र के उपन्यास के हारे हुए इस असफल प्रेमी की कहानी ऐसी प्रसिद्ध हो गई कि देवदास हो जाना आम बोल चाल का हिस्सा हो गया।

वैसे तो संजय लीला भंसाली की देवदास से पहले भी कई बार शरतचंद्र के इस उपन्यास पर फिल्मों का निर्माण हो चुका है, शरत चंद्र के इस उपन्यास को लेकर अब तक करीब 23 फिल्मों का निर्माण हो चुका है। देवदास उपन्यास को लेकर तमिल, तेलुगु, बंगाली, सहित कई भाषाओं में फिल्मों का निर्माण हुआ है, लेकिन हिंदी में सबसे पहले साल 1935 में देवदास फिल्म का निर्माण किया गया। इस फिल्म में देवदास का किरदार उस जमाने के मशहूर कलाकार कुंदन लाल सहगल ने निभाया। साल 1935 में बनी देवदास फिल्म का निर्देशन पी सी बरुआ ने किया था और विमल रॉय इस फिल्म के प्रमुख कैमरामेन थे। कुंदन लाल सहगल ने इस फिल्म के गीत भी गाए जो काफी मशहूर हुए। बताया जाता है कि इस फिल्म के शूटिंग के दौरान खुद शरतंचद्र फिल्म के सेट पर आते थे।
ये भी पढ़ें: कठिन परिश्रम और अनथक प्रयासों के बाद बन पाईं नृत्यांगना : कविता द्विबेदी

इसके बाद साल 1955 में फिर से एक बार देवदास फिल्म का निर्माण हुआ और मजे की बात यह है कि इस बार बनी देवदास का निर्देशन विमल रॉय ने किया। विमल रॉय के निर्देशन में बनी इस देवदास फिल्म में दिलीप कुमार, वैजयंतीमाला और सुचित्रा सेन थे। बताया जाता है कि इस फिल्म में देवदास के किरदार को निभाने के बाद दिलीप कुमार खुद डिप्रेशन का शिकार हो गए थे। इस फिल्म में दिलीप कुमार का अभिनय इतना सराहा गया कि वे उस जमाने में देवदास का किरदार निभाने के बाद ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर हो गए। उस जमाने में इस फिल्म के सभी गीत सुपरहिट हुए।

विमल रॉय की देवदास के करीब 47 साल बाद साल 2002 में एक बार फिर से संजय लीला भंसाली ने देवदास फिल्म का निर्माण किया। इस बार देवदास फिल्म में शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और जैकी श्राफ लीड रोल में थे। बताया जाता है कि यह उस दौर की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी। इसका बजट करीब पचास करोड़ रुपए था।
संजय लीला भंसाली ने इस बार शरतचंद्र के उपन्यास पर आधारित देवदास को इतना भव्य कर दिया था कि फिल्म का सेट ही करीब बीस करोड़ रुपए में तैयार हुआ। संजय लीला भंसाली की देवदास ने करीब सौ करोड़ की कमाई की। इस फिल्म में शाहरुख खान ने देवदास का किरदार निभाया। माधुरी दीक्षित ने चंद्रमुखी का और ऐश्वर्या रॉय पारो के रूप में नजर आई। जैकी श्राफ ने चुन्नीलाल के रूप में अपने किरदार के साथ भरपूर न्याय किया।
बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान देवदास में निभाए अपने किरदार को अपने करियर का अब तक का सबसे बेहतरीन रोल मानते हैं। इस फिल्म के गाने काफी हिट हुए । इस फिल्म के अधिकतर गाने नसुरत बद्र ने लिखे और श्रेया घोषाल ने इसी फिल्म से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत की। श्रेया द्वारा गाए गीत बैरी पिया के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायक का प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार मिले। इस फिल्म के एक मशहूर गीत काहे छेड़े छेड़े मुझे के गीतकार बिरजू महाराज थे।

वैसे तो संजयलीला भंसाली की बनाई देवदास काफी हिट हुई लेकिन साहित्यकारों की मानें तो संजय लीला भंसाली ने शरतचंद्र के उपन्यास देवदास के साथ संपूर्ण न्याय नहीं किया। उन्होंने कहानी को अपने हिसाब से जोड़ तोड़ दिया जिससे शरत के उपन्यास के देवदास और संजय लीला भंसाली की बनाई देवदास में जमीन आसमान का अंतर आ गया। शरत के उपन्यास देवदास में पारो और चंद्रमुखी का कभी मिलन नहीं होता जबकि संजय लीला भंसाली ने चंद्रमुखी और पारो का न सिर्फ मेल करवा दिया बल्कि दोनों को लेकर एक खूबसूरत गाना डोला रे डोला गाना भी फिल्माया जो साहित्यकारों को काफी नागवार गुजरा। इस बात को लेकर भंसाली की काफी आलोचना भी हुई। बहराल जो भी हो संजय लीला भंसाली द्वारा बनाई गई देवदास उस दशक की सबसे बड़ी फिल्मों में शुमार हुई।
बताया जाता है कि संजय लीला भंसाली की देवदास में देव बाबू का किरदार पहले सल्लू मियां को ऑफर किया गया था, लेकिन सलमान खान के साथ संजय की बात न बन पाने के कारण देवदास का किरदार शाहरुख खान ने निभाया। बंगाली रईस जादे देवदास का किरदार निभाने के लिए शाहरुख को धोती पहननी पड़ती थी जो उनके लिए काफी मुश्किल था। शाहरुख खान ने खुद बताया कि देवदास का किरदार निभाते हुए उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। कई बार इस किरदार का जीवंत अभिनय करने के लिए तो उन्हें थोड़ी शराब भी पीनी पड़ी।
संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित देवदास को इतना भव्य बनाया गया कि इसके लिए फिल्म के प्रोड्यूसर और फाइनैंसर भरत शाह को अंडरवर्ल्ड से संबंध के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर आरोप था कि इस फिल्म के लिए उन्हें अंडरवर्ल्ड से फंडिंग मिली है। भरत शाह ने करीब 16 महीने की जेल काटी। भंसाली उस दौरान काफी भी परेशान रहे।

संजय लीला भंसाली के बाद साल 2009 में अनुराग कश्यप ने इसी थीम को लेकर देव डी का निर्माण किया। इस फिल्म में देवदास का किरदार अभय देयोल ने निभाया। शरत के उपन्यास को करीब 100 साल बीतने के बाद भी आज भी साल दर साल न जाने कितने हीरो आए और पर्दे पर देवदास के करेक्ट्रर को ग्लोरिफाई करते रहे। कभी के एल सहगल, कभी दिलीप कुमार तो कभी शाहरुख खान। मुकद्दर के सिकंदर में अमिताभ भी जोहरा बाई के कोठे पर जाकर अपनी चंद्रमुखी को ही ढूंढता है। इसके अलावा गुरुदत्त की प्यासा हो या कागज के फूल हर फिल्म में असफल प्रेमी में देवदास की ही झलक मिलती है।