Dwarka:हर वर्ष बारिश में जलभराव से बचने के लिए सरकारी एजेंसियों की ओर से नालों की सफाई की जाती है, लेकिन ऐसा लगता है मानों द्वारका में यह कार्य रस्म अदायगी के तौर पर किया जाता है। तभी तो नालों की सफाई के बाद अंदर से निकाले गए गाद को नाले के उपर छोड़ दिया जाता है। गाद यहां तब तक पड़े रहते हैं, जब तक बारिश के साथ वे फिर से नाले में न समा जाएं।
सेक्टर 11 में छोड़ा गया गाद
सेक्टर 11 स्थित आइडीसी अपार्टमेंट के नजदीक से गुजरने वाले नाले के उपर स्लैब हटे हैं। ऐसा लग रहा है मानों नाले की सफाई के लिए स्लैब हटाए गए थे। स्लैब हटाकर गाद भी निकाला गया, लेकिन इसके बाद गाद को वहीं छोड़ दिया गया।
स्लैब भी नहीं रखा
सफाईकर्मियों ने स्लैब हटाकर नाले की सफाई तो कर दी लेकिन गाद तो रख ही गए, स्लैब को दोबार नाले पर रखना भी मुनासिब नहीं समझा। अब लोगों को डर लग रहा है कि कोई इंसान या कोई बेसहारा पशु गलती से नाले में न गिर जाए।
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जहां स्लैब रखा, वहीं भी नहीं रखा गया ध्यान
जिन जगहों पर स्लैब रखे गए हैं, वहां भी लग रहा है मानों पूरा काम हड़बड़ी में किया गया है। दो स्लैब के बीच काफी जगह छोड़ दी गई है। दूर से देखेंगे तो लगेगा मानों स्लैब सही तरीके से रखे गए हैं, लेकिन नजदीक से देखने पर लापरवाही साफ साफ नजर आती है।
अन्य जगहों पर भी हाल सही नहीं
द्वारका के निवासियों का कहना है कि यह हाल केवल आइडीसी अपार्टमेंट के आसपास या सेक्टर 11 के आसपास का नहीं, बल्कि उपनगरी के अधिकांश भागों में इस तरह की लापरवाही नजर आती है। सेक्टर 11 निवासी अशोक कुमार बताते हैं कि डीडीए को इन छोटी छोटी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। सेक्टर 16 निवासी माधव कुमार बताते हैं कि जर्जर फुटपाथ व नालों की सफाई के बाद गाद को छोड़ देने की समस्या उपनगरी में स्थायी समस्या का रूप ले चुकी है। डीडीए अभियंताओं को अपनी कार्यशैली में सुधार कर इसे दूर करना चाहिए।