Delhi: गढ़ी मांडू में विकसित किया गया दिल्ली का पहला ‘गौरेया ग्राम

महानगरीय बदलावों के चलते अस्तित्व का संकट झेल रही पक्षी गौरेया को बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने किया एक सराहनीय प्रयास।

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Delhi: दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने कल दिल्ली स्थित गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला ‘गौरेया ग्राम’ विकसित होने के अवसर पर यहां का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दिल्ली के राज्य पक्षी ‘गौरेया’ को संरक्षित करने के उद्देश्य गढ़ी मांडू में ‘गौरेया ग्राम’ बनाया गया है। गौरेया ग्राम में कीट घर और तितलियों के लिए नेच्युरल हैबिटेट को भी विकसित किया गया है|

इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक की मदद से उपस्थित लोगों को गौरेया पक्षी के बारे काफी जानकारियां भी दी गईं।

इस गौरेया ग्राम में तितलियों के भी नेच्युरल हैबिटेट का विकास किया गया हैं। साथ ही सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई हैं|

गौरेया ग्राम के दौरे के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि पिछले कुछ सालों से गौरैयों की संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज हुई है। कई अध्ययनों ने इसे दिल्ली में बढ़ रहे शहरीकरण और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग तथा विद्युत चुम्बकीय विकिरण को जिम्मेदार ठहराया। कृषि में बढ़ रहे कीटनाशकों के उपयोग से गौरेया पक्षियों के लिए भोजन की कमी हो गई हैं, जिसके कारण उनकी प्रजाति भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस गौरेया ग्राम का विकास किया जा रहा हैं |

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-क्या हैं गौरेया ग्राम की विशेषताएं

दिल्ली में पहले फेज में तैयार किए जाने वाले वर्ल्ड क्लास लेवल 4 सिटी फॉरेस्ट के नामों में शुमार गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम तैयार किया गया हैं | इस गौरेया ग्राम में दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया के जीवन चक्र का चित्रण किया गया है। यहां गौरेया पक्षियों के खाने के लिए कीट घर बनाए गए हैं, ताकि पक्षियों को भोजन के लिए भटकना न पड़े। साथ ही शहरों में नेस्टिंग होल की कमी को देखते हुए यहां नेस्टिंग होल का निर्माण भी किया गया हैं।

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यहां विभाग द्वारा करोंदा और कुंडली जैसे देशी जामुन, घास और झाडि़यां लगाई हैं। इसके साथ ही गौरैया ग्राम में फीडर बॉक्स, कृत्रिम घोंसले और मिट्टी के बर्तन भी रखे गए हैं। इसके साथ-साथ तितलियों के लिए भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं।

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सामान्य जनता के लिए बनाया गया हर्बल गार्डन

गौरेया ग्राम में गौरेया पक्षी के साथ साथ आम जनता के लिए हर्बल गार्डन भी खोला गया है। इस हर्बल गार्डन से लोग औषधीय पौधे मुफ्त में अपने घर उपयोग के लिए ले जा सकते हैं। इनमें पत्थर चट्टा अजवायन, तुलसी, एलोवेरा आदि पौधे शामिल हैं|

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दिल्ली में वर्ल्ड क्लास लेवल पर तैयार किए जाएंगे 4 सिटी फॉरेस्ट

दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ने दिल्ली के चारों कोनों में मौजूद मुख्य 4 सिटी फॉरेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया हैं| इनमें दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फॉरेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फॉरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फॉरेस्ट शामिल है|यह चारों सिटी फॉरेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं| इस परियोजना के तहत 98 एकड़ में इनका विकास किया जाएगा |

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