दिल्ली में बढ़ते तापमान के कारण हुआ ऑरेंज अलर्ट

तापमान में यकायक वृद्धि से स्कूली बच्चों के अभिभावक चिंतित और लोग बेहाल!

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देश के अधिकांश राज्यों में गर्मी का प्रकोप सिर चढ़कर बोल रहा है। अप्रैल के महीने में ही गर्मियों के पिछले कई सालों के रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं। अब मौसम विभाग के अनुसार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में तेज़ लू चलने की आशंका है। इन राज्यों में पारा तो पहले ही चढ़ा हुआ है, जो अब लगातार 40 से 44 डिग्री या इससे भी अधिक हो सकता है। इसी के मद्देनज़र मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि जब गर्मी के मौसम में लू, गर्म हवा, आंधी आदि का ख.तरा बहुत अधिक होता है तो ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है। इस दौरान लोगों से अपील की जाती है कि जहां तक संभव हो वे घर पर ही रहें।

मौसम विभाग की मानें तो 2 मई तक दिल्ली-एनसीआर का तापमान 43 से 45 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। दो मई के बाद तापमान में कुछ कमी की संभावना है।

विगत कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे गर्मी के प्रकोप से सभी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अप्रैल माह में ही इस चिलचिलाती धूप के कारण कार्यालय जाने वाले लोग और रेहड़ी-पटरी वालों की बुरी हालत हो रही है।

स्कूल फिर से खुल जाने के कारण अभिभावक भी अपने बच्चों को लेकर काफ़ी चिंतित हैं कि कहीं उनके बच्चे हीट वेव का शिकार न हो जाएं।

इस विषय में दिल्ली-एनसीआर के कई स्थानीय नागरिकों ने सिटीस्पाइडी के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।

द्वारका सेक्टर 23 निवासी शशिकांत कहते हैं कि गर्मी का दौर अपने चरम पर है। गर्मी के कारण मैं अपने घर से बाहर तक नहीं निकलना चाहता, लेकिन काम की अपनी मजबूरी है। अत्यधिक गर्मी के कारण सिर दर्द लगातार बना रहता है और लगातार पानी पीने के बावजूद मैं काफ़ी ज़्यादा कमज़ोरी महसूस करता हूं।

द्वारका सेक्टर 8 की निवासी माधुरी भारद्वाज का कहना है कि बाहर बहुत गर्मी है और ऐसा लग रहा है कि हम हीट चैंबर में बैठे हैं। मेरे दो बच्चे हैं और दोनों ही स्कूल स्टूडेंट हैं। मैं उनके स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित हूं। कल रात मेरी बेटी को तेज़ बुखार आ गया। डॉक्टर ने बताया कि अधिक गर्मी के कारण ऐसा हुआ है। अधिकांश बच्चों को अभी तक कोविड का टीका तक नहीं लगा है। ऐसे में हीटवेव उन्हें कमज़ोर और बीमार बना रही है।

द्वारका सेक्टर 12 की रहने वाली कीर्ति तिवारी कहती हैं कि कल ऑफिस जाते समय मैंने देखा कि एसी कैब में भी मेरी त्वचा जल रही है। उस समय तापमान करीब 41 डिग्री सेल्सियस था। हम गर्मी के कारण अपने घरों में बंद नहीं रह सकते और न ही पूरे दिन एसी चालू रखने का जोखिम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से गर्मी के कारण त्वचा की समस्याओं का सामना कर रही हूं। मुझे तो उन लोगों की और चिंता हो रही है, जहां पानी और बिजली की आपूर्ति उचित रूप से नहीं हो रही है।

सिटी स्पाइडी ने कुछ डॉक्टरों से संपर्क किया और हीटवेव के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर उनसे बात की।

द्वारका मोड़ की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मधु कौशिक कहती हैं कि अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें। यदि ज़रा सी भी समस्या लगे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा साफ़ पानी पिएं और ठंडे वातावरण में रहे। यदि आपका बच्चा ठीक महसूस नहीं कर रहा है तो उसे स्कूल न भेजें और पूरी तरह से आराम करने दें।

द्वारका सेक्टर 23 के डॉ. करमबीर राणा कहते हैं कि जहां तक संभव हो, धूप में बाहर जाने से बचें। इस ऑरेंज अलर्ट की स्थिति से आप मौसम की गंभीरता का अंदाज़ा लगा सकते हैं। सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें। अगर आप ठीक महसूस नहीं कर रहे हैं तो रोटी-सब्ज़ी जैसा भारी आहार लेने की बजाय फल-सलाद और तरल पदार्थों का प्रयोग करें। अपने शरीर को ठंडा और हाइड्रेड रखें।

इससे हमें जहां एक ओर लोगों को हो रही उन दिक्कतों की झलक मिलती है, जिसका सामना उन्हें करना पड़ता है, उसी से बाकी लोगों के लिए एक चेतावनी का काम भी हो जाता है। ऑरेंज अलर्ट के इस समय में लोगों को इन डॉक्टरों के परामर्श को मानते हुए अपनी सेहत के प्रति सचेत रहना चाहिए।

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