चाय के बारे में ऐसा कहा जाता है कि चीन के एक राजा ‘शैन नुंग’ के सामने गरम पानी का प्याला रखा गया था, उसमें गलती से चाय (Tea) की सूखी पत्तियां गिर गईं और उस पानी का रंग बदल गया। राजा ने जब इस पेय को पीया तो उसे यह नया स्वाद बेहद पसंद आया और तब से ही चाय पीने की शुरुआत हो गई.शुरू में चाय केवल सर्दियों में दवाई की तरह पी जाती थी। इसे रोज पीने की परंपरा भारत में ही शुरू हुई.भारत का उत्तरी भाग 2021-22 में देश के वार्षिक चाय उत्पादन का लगभग 83% के साथ सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसमें अधिकांश उत्पादन असम में होता है तथा उसके बाद पश्चिम बंगाल का स्थान है. असम घाटी और कछार असम के दो चाय उत्पादक क्षेत्र हैं. पश्चिम बंगाल में डुआर्स, तराई और दार्जिलिंग तीन प्रमुख चाय उत्पादक क्षेत्र हैं.