ग्रेटर नोएडा वेस्ट (Greater Noida West) की हाईराइज़ सोसायटियों में बिजली ट्रिपिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बढ़ते तापमान के साथ स्थानीय लोगों के लिए बिजली के बिना लंबे समय तक रहना काफ़ी मुश्किल हो रहा है।
बिजली की नियमित ट्रिपिंग से लोगों का जीना दूभर हो गया है।
इसी मुद्दे को लेकर ग्रेटर नोएडा के निवासियों और नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (NEFOWA)ने नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष सारनाथ गांगुली से हाल ही में मुलाकात भी की थी। बैठक में निवासियों ने बिजली कटौती की समस्या से अवगत कराया और जल्द ही इसे दूर करने का अनुरोध किया।
नोएडावासियों का कहना है कि बार-बार बिजली गुल होने से घरेलू बिजली उपकरण ख़राब होने का ख़तरा बना रहता है। इससे पहले भी नोएडावासियों ने इस मुद्दे को सोशल मीडिया पर उठाया था। रेजिडेंट्स ने आरोप लगाया था कि बिल्डर मल्टी प्वाइंट कनेक्शन नहीं दे रहे हैं।

एनपीसीएल के उपाध्यक्ष सारनाथ गांगुली ने इस विषय में बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एनपीसीएल का बुनियादी ढांचा सामान्य से अधिक भार वहन कर रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा वैस्ट में यहां उपलब्ध फीडरों से जितनी बिजली की ज़रूरत है, उतनी आपूर्ति करना संभव नहीं है।
हालांकि नोएडा सेक्टर 123 के सब स्टेशन के कार्य को पूरा करने के साथ ग्रेनो वैस्ट को 100 मेगावॉट बिजली मिलनी थी, जिससे ग्रेटर नोएडा वैस्ट की ग्रीष्मकालीन लोड की मांग पूरी हो सकती थी, लेकिन ठेकेदार ओर यूपीटीएसएल के बीच विवाद के चलते यह कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
बार-बार ट्रिपिंग के विषय पर सारनाथ गांगुली ने अपनी टीम और सोसायटी के निवासियों के बीच एक अलग बैठक आयोजित करने की बात कही है। इस विषय में एनपीसीएल डेटा प्रदान करेगा कि संबंधित सोसायटी में कितनी बार बिजली कटौती हुई है।
सारनाथ गांगुली ने अपनी टीम से लोड की खपत को देखने के लिए पिछले 6 महीने के मासिक बिल की गणना करने को कहा है। मल्टी पॉइंट कनेक्शन के बारे में सारनाथ गांगुली ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वैस्ट में कई सोसायटी हैं, जहां बुनियादी ढांचा निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं है, इसलिए जब तक आंतरिक बुनियादी ढांचे को नहीं बदला जाएगा, मल्टी पॉइंट कनेक्शन प्रदान करना संभव नहीं है। वे सोसायटी, जहां पर बुनियादी ढांचा पूर्ण है, वहां के निवासी फॉर्म भरें। उन सोसायटियों को मल्टी प्वाइंट कनेक्शन दिए जाएंगे।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि हमने एनपीसीएल के उपाध्यक्ष से मुलाकात की और अपने मुद्दों को उठाया। उनके अनुसार वे अपनी क्षमता से अधिक भार वहन कर रहे हैं। अब एनपीसीएल संबंधित सोसायटियों के साथ बैठक करेगी और पिछले तीन महीनों के बिजली के बिलों की मदद से बिजली लोड पर डेटा एकत्र करेगी। यह भी जांचा जाएगा कि बिजली कटौती का मामला बिल्डर की तरफ से है या एनपीसीएल की तरफ से।