Dwarka: सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर जागरूकता अभियान जारी

सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के बावजूद कई जगह इसके इस्तेमाल की खबरें सामने आने के बाद प्रशासन अब जागरूकता का सहारा ले रहा है।

Delhi न्यूज़

Dwarka: सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के बावजूद कई जगह इसके इस्तेमाल की खबरें सामने आने के बाद प्रशासन अब जागरूकता का सहारा ले रहा है। दिल्ली नगर निगम की ओर से इस मामले में दो तरह से कार्रवाई की जा रही है। एक तरफ सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग का पता चलने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ चालान किया जा रहा है तो दूसरी ओर लोग इसका इस्तेमाल स्वयं करने से बचें, इसे लेकर भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। द्वारका, नजफगढ़, उत्तम नगर में आजकल समय समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

 

जागरूकता अभियान में सिंगल यूज प्लास्टिक के हानियों से कराया जा रहा अवगत

जागरूकता अभियान के तहत लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए उन हानियों की जानकारी दी जाती है जो सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से पर्यावरण को झेलनी पड़ती है। नगर निगम के अधिकारियों ने लोगों ने बताया कि प्रदूषण को बढ़ाने में सिंगल यूज प्लास्टिक का सबसे ज्यादा योगदान है क्योंकि इनका रिसाइकिल नहीं किया जा सकता। ये प्लास्टिक न तो डीकंपोज होते हैं और न ही इन्हें जलाया जा सकता है। इनके टुकड़े पर्यावरण में जहरीले रसायन छोड़ते हैं, जो कि मनुष्यों और पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होते हैं।

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लोगों का मिल रहा है साथ

सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल लोग नहीं करें, इसके लिए लोग प्रशासन का पूरा साथ दे रहे हैं। उत्तम नगर ए 2 आरडब्ल्यूए के प्रधान सुमित चौहान बताते हैं कि हमलोग कॉलोनी में दुकानदारों से अपील कर रहे हैं कि वे ऐसे किसी ग्राहक को सामान नहीं दें, जो पॉलीथिन की मांग करता हो।

बालकृष्ण अमरसरिया

पालम निवासी बालकृष्ण अमरसरिया बताते हैं कि मैं जब भी सब्जी खरीदने जाता हूं, अपने साथ कपड़े का थैला रखता हूं। दूसरों से भी मेरी अपील है कि बाजार में जब भी कुछ खरीदने जाएं, सामान को कपड़े के थैले में ही लें।

राकेश कुमार

द्वारका कोर्ट के अधिवक्ता राकेश कुमार बताते हैं कि पॉलीथीन को लेकर कोई भी अभियान तभी सफल होगा, जब तक लोग इस बात को नहीं समझेंगे कि पॉलीथीन से हानि का कहीं न कहीं प्रभाव उनपर भी पड़ेगा। समस्या यह है कि लोग अभी हानि या दुष्प्रभाव से खुद को अलग रखकर सोचते हैं, जो सही नहीं है।

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