Dwarka: आस्था अपार्टमेंट्स (Ashta Apartments), सेक्टर 6 द्वारका के निवासी जगमोहन वर्मा (70 वर्ष) 16 जुलाई की शाम को सैर करने के लिए निकले थे। वह पैदल फुटपाथ पर चल रहे थे, जैसे ही वे सेक्टर 6 स्थित दयानंद अपार्टमेंट पहुंचे, अंधेरे में फुटपाथ पर खुला मैनहोन न देख पाने के कारण वह गिर पड़े। नतीजतन, अब उनके बाएं पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ है।
जगमोहन अपनी दुर्दशा के बारे में बताते हुए कहते हैं यह दुर्घटना रात करीब साढ़े आठ बजे हुई थी। मुझे कोई मैनहोल दिखाई नहीं दे रहा था, और अंधेरे के कारण मुझे नहीं पता था कि वहां कोई मैनहोल खुला हुआ है। उनका कहना है कि उनकी चोट के लिए प्राधिकरण का लापरवाही वाला रवैय्या जिम्मेदार है।

उल्लेखनीय है कि द्वारका में पहले भी इस तरह के कई हादसे हो चुके हैं। एक अन्य वरिष्ठ नागरिक औ वेलकम अपार्टमेंट सीजीएचएस, द्वारका निवासी जेसी मल्होत्रा की पत्नी जगमोहन वर्मा की तरह सेक्टर 3 में एक फुटपाथ पर खुले नाले में गिरने से घायल होने के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं एक बार खुद मल्होत्रा भी बटुक जी और नेशनल अपार्टमेंट, सेक्टर 3 के पास फुटपाथ पर इस तरह की चोट से बाल-बाल बच गए।
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ऐसी किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए, उन्होंने अधिकारियों को लिखकर एक अभियान शुरू किया, हालांकि, कुछ खास नहीं हुआ। वे कहते हैं, अगर आप ऐसे गड्ढों में गिरे तो आपकी मौत हो सकती है। इसी तरह की दुर्घटना के कारण मेरी पत्नी को बहुत कष्ट हुआ। मेरे अभियान के बावजूद, अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। दोबारा होने वाली ऐसी किसी भी दुर्घटना के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जाए।
ऑल द्वारका रेजिडेंट फेडरेशन (एडीआरएफ) ने इस विषय पर डीडीए को पत्र लिखकर ऐसे सभी खुले मैनहोल और नालियों का कवरेज सुनिश्चित करने के लिए कहा है। एडीआरएफ के महासचिव रॉबिन शर्मा कहते हैं, डीडीए इस मुद्दे को लेकर उतना गंभीर नहीं लगता। यह पैदल चलने वालों के जीवन के लिए खतरा है और ऐसे खुले मैनहोल और खुले नालों को ठीक से कवर किया जाना चाहिए। एडीआरएफ इस विषय पर अनुवर्ती कार्रवाई करेगा।