Faridabad: ग्रेटर एकॉर्ड अस्पताल की ओर नीलम बाटा रोड स्थित एक होटल में जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अस्पताल की कार्डियोलोजी डिपार्टमेंट की डायरेक्टर डॉ. सिम्मी मनोचा मुख्य रूप से उपस्थित रही। लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि उम्र दराज लोगों को हृदय रोग की बीमारी अब बीते समय की बात हो चुकी है, अब आलम यह है कि बेहद छोटी उम्र के युवाओं को हृदय से संबंधित बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है। पिछले दिनों मुंबई से लंदन जा रहे महज 23 वर्ष के युवक को हार्ट अटैक आना इस बात का बड़ा उदाहरण है। बदलती जीवनशैली और खानपान का लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। इसलिए हृदय रोग की बढ़ती बीमारियों को लेकर लोगों को सावधान रहने की खास जरूरत है। समय-समय पर अपने हृदय और ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना चाहिए। यह भी पढ़ें : मानसून के मौसम में तुलसी के सेवन से होते हैं कई प्रकार के लाभ

वरिष्ठ हृदय विशेषज्ञ व डायरेक्टर कार्डियोलोजिस्ट डॉ. सिम्मी के अनुसार, अक्सर तेज पसीने के साथ सीने में तेज दर्द या हार्ट अटैक आने के बाद लोग अपनी हृदय संबंधी बीमारी के बाबत सतेच होते हैं। लेकिन, तब तक आपका हार्ट पूरी तरह से कमजोर हो चुका होता है। यदि आप हार्ट अटैक जैसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो अपको उन लक्षणों को पहचाना होगा, जो आपको लगातार दिल के कमजोर होने के संकेत देते हैं। इन लक्षणों से आप पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा कि हृदय रोग से पीडि़त मरीज दिल से मिलने वाले संकेतों को सामान्य बात या किसी अन्य बीमारी से जोडक़र देख लेते हैं इन संकेतों को नजरअंदाज करना हृदय की बीमारी को बेहद घातक बना देती है। यदि इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।
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