Faridabad: धूल फांक रही अरबों की सम्पति, सेक्टर की जनता सुविधाओं को तरस रही है

एचएसवीपी की करोड़ों रुपये की सम्पति इस्तेमाल अथवा विक्री के अभाव में व्यर्थ पड़ी धूल फांक रही हैं।

Faridabad न्यूज़

Faridabad:अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को पाटने के लिए सरकार ने एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) का गठन किया था। ताकि एचएसवीपी सेक्टर विकसित कर सभी वर्गो के लोगों को बिना किसी लाभ या हानि के रिहायशी प्लॉट उपलब्ध करवाएं। जिसके तहत एचएसवीपी द्वारा विशेष वर्ग के लोगों के लिए कुछ प्लॉट आरक्षित भी किये जाते हैं। जिसमें पूर्व सैनिक, सैनिक, सैनिक विधवा, दिव्यांग, ईडब्ल्युएस और स्वतंत्रता सेनानी जैसे वर्गो के लोग शामिल होते हैं। इन्हें एचएसवीपी द्वारा रियायती दामों पर जमीन अथवा मकान दिये जाते हैं। इससे होने वाले घाटे को पूरा करने के लिए सेक्टर को विकसित करने में आने वाले खर्च में जोड़ दिया था। एचएसवीपी अब घाटा पूरा करने की बात करते हुए ईडब्ल्युएस के प्लॉटों की भी नीलामी कर रहा है। जबकि इस श्रेणी के लोगों को ई-निलामी की जानकारी ही नहीं हैं। जबकि विभिन्न सेक्टरों में एचएसवीपी की करोड़ों रुपये की सम्पति धूल फांक रही हैं। यदि एचएसवीपी इन सम्पतियों को बेच दें तो अनेक समस्याओं का समाधान हो सकता है।

धूल फांक रही करोड़ों की सम्पतियां

एचएसवीपी के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को लगातार भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्योंकि शहर के विभिन्न सेक्टरों में एचएसवीपी की करोड़ों रुपये की सम्पति इस्तेमाल अथवा विक्री के अभाव में व्यर्थ पड़ी धूल फांक रही हैं। सेक्टर 12 में एचएसवीपी द्वारा करोड़ों रुपये की लगात से बनाई इमारत में कुछ समय पहले तक आवकारी विभाग का कार्यालय था। कार्यालय शिफ्ट होने के बाद इमारत खाली पड़ी हुई। वहीं सेक्टर सात की मार्केट स्थित एससीओ में पहले सेक्टर सात थाना था। वहीं थाने के ऊपर बने फ्लैटों का इस्तेमाल एचएसवीपी के अधिकारी अथवा कर्मचारी करते थे। लेकिन थाना शिफ्ट होने के साथ ही ऊपर बने सभी फ्लैट खाली पड़े हैं। यही स्थिति सेक्टर नौ की मार्केट के पास बने एससीओ की हैं। यहां भी दुकानें और ऊपर बने फ्लैट लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं। इसके अलावा सेक्टर तीन समेत अन्य कई सेक्टर में एचएसवीपी के प्लॉट, एससीओ और मकान लंबे समय से खाली पड़े हुए हैं।

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सम्पतियों का हो रहा दुरूपयोग

एचएसवीपी के अधिकारियों की लापरवाही से खाली पड़ी करोड़ों की सम्पति का इस्तेमाल न होने से जहां इनकी हालत दिन पर दिन जर्जर होती जा रही है। वहीं इससे सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन इमारतों के खाली होने के बाद एचएसवीपी के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस तरफ कभी झांकने का प्रयास भी नहीं किया। सेक्टर 12 स्थित करोड़ों रुपये की इमारत से आवकारी विभाग के शिफ्ट होने के बाद इसमें से आसामाजिक तत्वों द्वारा सामान चोरी किया जा रहा है। यही स्थित अन्य सेक्टरों में खाली पड़े एससीओ की है। कई एससीओ से तो असामाजिक तत्व एल्युमीनियम के खिडक़ी दरवाजे तक उखाड़ ले गए हैं।

सुविधाओं को तरसते लोग

शहर के विभिन्न सेक्टरों के लोग जर्जर सडक़, सीवर जाम और पेयजल समस्याओं को लेकर परेशान है। शहर के पॉश सेक्टरों में भी स्थिति कुछ अलग नहीं है। सेक्टर वासियों द्वारा समस्याओं के समाधान की मांग करने पर हमेशा कंगाली का रोना रोया जाता है। जबकि दूसरी तरफ अरबों रुपये की सम्पतियां व्यर्थ पड़ी हैं। यदि एचएसवीपी इन सम्पतियों की नीलामी कर दे तो सेक्टरों की अनेक समस्याओं का समाधान हो सकता है।

एफएमडीए को दे रहे इमारत

अधीक्षक अभियंता राजीव शर्मा

एचएसवीपी के अधीक्षक अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि जहां तक मेरे संज्ञान में हैं, सेक्टर 12 स्थित आवकारी विभाग की खाली पड़ी इमारत एफएमडीए को कार्यालय के लिए दे दी गई है। जिसमें कार्यालय शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अन्य इमारतों से संबंधित मामले मेरे संज्ञान में नहीं है। क्योंकि एचएसवीपी की सम्पतियों से संबंधित मामले संपदा अधिकारी के अंर्तगत आते हैं।

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