गिरनार पर्वत (Girnar Mount) गुजरात के जूनागढ़ शहर मे स्थित है. गिरनार पर्वत पर लगभग 866 छोटे बड़े जैन और हिंदू मंदिर मौजूद हैं. यह गुजरात का सबसे ऊँचा और सबसे पवित्र पर्वत है, जिसे रेवतक पर्वत के नाम से भी जाना जाता है.
गिरनार पर्वत का शिखर 3672 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहाँ पहुँचने के लिए 9999 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं.यदि आप सबसे ऊपर के मंदिरों तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको पूरा दिन का समय चाहिए.
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गिरनार पर्वत में कुल 4 ऊँचे शिखर हैं जिनमे 1) जैन मंदिर शिखर – 4000 सीढ़ियों पर , 2) अम्बाजी शिखर – 5000 सीढ़ियों पर , 3) गोरखनाथ शिखर – 5800 सीढ़ियों पर , और 4) गुरु दत्तात्रेय शिखर 7500-9000 सीढ़ियों पर स्थित है.
यहां जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर नेमिनाथ का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है, जो १२वीं शताब्दी का है। इसके बाद आगे कई हिंदू मंदिर हैं, पहली चोटी पर अम्बाजी मंदिर है, और 1117 मीटर की चोटी पर गोरखनाथ मंदिर है, और अंतिम चौराहे के ऊपर कालिका मंदिर है.
अशोक के शिलालेख, जूनागढ़ से गिरनार पर जाते समय सड़क के दाईं तरफ स्थित है. यह शिलालेख अशोक के नाम से प्रसिद्ध है , यहाँ अशोक की 14 आज्ञाएँ उत्कीर्ण हैं जो पाली भाषा मे लिखी हुई है. यह 75 फिट के घेरे मे लगभग 2200 वर्षों से रखी हुई है.
हिंदू मान्यता के अनुसार, दामोदर कुंड पवित्र झीलों में से एक है, जो जूनागढ़ के गिरनार पर्वत की तलहटी में स्थित है. दामोदर कुंड झील 257 फीट लंबी, 50 फीट चौड़ी और 5 फीट गहरी है. यह एक अच्छे सांचे से घिरा हुआ है, जो भवनाथ पर जाते रास्ते पर आता हैं.
दातार हिल जूनागढ़ शहर का एक पवित्र स्थल है. दातार पर्वत एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल होनेके साथ मुस्लिम और हिंदू दोनों धर्म के श्रद्धालुओं लिए बहुत ही लोकप्रिय स्थान है. बारिश के दौरान यह स्थान और भी ज़्यादा आकर्षक हो जाता है.
विलिंग्डन डेम (बांध) का निर्माण कालवा नदी पर हुआ है जहाँ से यह नदी प्रारम्भ होती है. इसे जूनागढ़ के लोगों के लिए पीने के पानी के संग्रह के लिए बनाया गया था. इसका नाम भारत के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड विलिंगडन के नाम पर रखा गया था.
उपरकोट किला जूनागढ़ में घूमने लायक ऐतिहासिक स्थानों में से एक बनाता है.यह किला प्राचीन किलों में से एक है. यह किला लगभग 2,300 साल पुराना है. यहा पर अडी कड़ी वाव, नवघन कुओ, नीलम और मानेक नाम के तोप, जामा मस्जिद, नूरी शाह का मकबरा, बौद्ध गुफाएं, जैसे पर्यटक आकर्षण है.
जूनागढ़ साइन्स म्यूज़ीयम गुजरात राज्य में शुरू किया गया पहला विज्ञान संग्रहालय है. यह सिर्फ दर्शनीय स्थल ही नहीं है, लेकिन यह आपको काफ़ी कुछ सीखने और समझने में भी मदद करता है.
दरबार हॉल म्यूज़ीयम में ऐतिहासिक और प्राचीन वस्तुओं का संग्रह है. दरबार हॉल म्यूज़ीयम में कई कमरे हैं, जैसे आप हथियार कक्ष, रजत कक्ष, लकड़ी के सामान कक्ष, सिक्के कक्ष, कांच और मिट्टी के बर्तनों का कमरा, नवाब चित्रांकन कक्ष, और हावड़ा और पालकी कक्ष देख सकते हैं.