सर्विस लेन पर खड़े भारी वाहनों से त्रस्त हैं ग्रेटर नोएडावासी!

इन आवासीय क्षेत्रों की सर्विस लेन बुलडोज़र, खनन, डंपर, लॉरी आदि की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। नहीं है कोई सुध लेने वाला।

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ग्रेटर नोएडावासी एक लंबे समय से अपने एरिया में सर्विस लेन में जगह-जगह खड़े भारी वाहनों की अनाधिकृत पार्किंग से बुरी तरह से परेशान हैं। इससे न सिर्फ़ उन्हें रोज़मर्रा के जीवन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह सुरक्षा व्यवस्था पर भी एक बड़ा सवाल है। हाल ही में उन्होंने इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाया।

उनका कहना है कि इन भारी वाहनों के जगह-जगह खड़े होने के कारण सारी सड़कें पूरी तरह से ब्लॉक हो जाती हैं। साथ ही सड़कों की हालत बदहाल भी हो चुकी है।

लोगों की शिकायत है कि ये स्थान और सड़कें रिहायशी इलाके के अंतर्गत आती हैं और स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित हैं। फिर भी इन सड़कों पर जगह-जगह बुलडोज़र, खनन डंपर, लॉरी जैसे भारी वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल जाती हैं। इसके कारण लोगों को अपने निजी वाहन बाहर निकालने की जगह ही नहीं मिल पाती है। साथ ही हिट एंड रन की समस्या भी लगातार बनी रहती है, क्योंकि इन भारी वाहनों के चालकों के व्यवहार में भी अक्सर मनमानी देखने को मिलती है, जो किसी नियम-कायदे को नहीं मानना चाहते।

उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा में इन स्थानों पर जगह-जगह निर्माण कार्य भी जारी हैं। इन निर्माण स्थलों के लिए निर्माण सामग्री लाने के लिए भारी वाहन, डंपर, ट्रॉली आदि का उपयोग किया जाता है। स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि निर्माण सामग्री के उतारे जाने का इंतज़ार करते हुए और उससे होने वाले शोर-शराबे के चलते लोगों की रातों की नींद भी उड़ी हुई है। कई बार अनलोडिंग के इंतज़ार में वाहन रात में इ्राइव-इन करते हैं और जहां जगह मिल जाती है, वहीं खड़े हो जाते हैं।

इन स्थानीय निवासियों का कहना है कि आर्थ सेज, निराला स्टेट, पटेल नियोटाउन, जेएम फ्लोरेंस आदि जैसे आवासीय क्षत्रों के आस-पास इन भारी वाहनों की लंबी कतारें हर वक्त देखी जा सकती हैं। स्थानीय निवासियों को किसी भी समय राहत नहीं मिलती है। ये लोग पहले से ही कई सारी समस्याओं के शिकार हैं। ऐसे में रिहायशी इलाकों में भारी वाहनों की बढ़ती आवा-जाही से लोग डरे हुए हैं। जहां एक ओर वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर हिट एंड रन के मामले का ख़तरा भी बना रहता है।

न्यू इरा फ्लैट ऑनर वेलफेयर एसोसिएशन (एनईएफओडब्ल्यूए) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने भी इस विषय में अपनी चिंता खुलकर ज़ाहिर की और स्थानीय लोगों के मुद्दों को उठाया। सुबह के समय लोगों को अपने कार्यालय के लिए या बच्चों को स्कूल छोड़ने के जाना होता है। उस समय उन्हें होने वाली इस रोज़ की परेशानी का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता।

एनईएफओडब्ल्यूए के वाइस प्रेसिडेंट विकास कटियार कहते हैं कि जब भी हम इन सड़कों से गुज़रते हैं तो हमें इन बड़े वाहनों की चपेट में आने का ख़तरा लगातार बना रहता है। एक बार मेरी कार भी बहुत सावधानी बरतने के बावजूद सर्विस लेन में खड़े ट्रक से टकरा गई। मेरी कार तो बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई, लेकिन सौभाग्य से मेरी जान बच गई। मैं नहीं चाहता कि किसी अन्य के साथ भी ऐसी घटना घटे।

इस मामले में संबंधित अधिकारी भी अपनी ओर से पर्याप्त संज्ञान लेने की बात कह रहे हैं। क्षेत्र के यातायात निरीक्षक शैलेंद्र सिंह इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। वे कहते हैं कि हमारी शिफ्ट खत्म होने के बाद ये भारी वाहन देर रात में आते हैं। फिर भी हम अपनी ड्यूटी ख़त्म होने के बाद भी इन वाहनों पर नज़र रखने का पूरा प्रयास करते हैं। समय-समय पर इन वाहनों पर भारी जुर्माना लगाते रहते हैं। कड़ी चेतावनी भी जारी करते ही रहते हैं। हमने इस मुद्दे पर कई बार कंपनियों और बिल्डरों से बात की है, लेकिन हमारे लगातार प्रयासों के बाद भी बिल्डर्स इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बिल्डरों का कर्तव्य है कि वे अपने ड्राइवरों को वाहन साइट के अंदर पार्क करने के निर्देश दें और नागरिकों की परेशानी को समझें। इस विषय में इनका सहयोग समस्या के समाधान की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा, लेकिन अफ़सोस है कि हमारे कड़े प्रयासों के बावजूद इनकी ओर से कोई सकारात्मक पहल व्यावहारिक स्तर पर नज़र नहीं आ रही है।

वे कहते हैं कि आगे अगर हालात नहीं सुधरे तो हम बिल्डरों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करेंगे। पहले भी इसी तरह का मामला निराला एस्टेट में आने पर हमने सख्त कार्रवाई की है और इसका हमें अच्छा परिणाम भी देखने को मिला है।

यहां भी हमें इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय नागरिकों के सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी। अगर किसी को सर्विस लेन में भारी वाहव खड़े मिलते हैं तो वे तुरंत हमसे संपर्क कर सकते हैं।

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