Greater Noida West: अजनारा ली गार्डन (Ajnara Lee Garden)के निवासियों का अजनारा बिल्डर के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है। गुस्साए निवासियों ने कहा है कि यह धरना अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा। यह एक लंबी लड़ाई है। हम तब तक लड़ते रहेंगे, जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
आंदोलन का 25वां दिन
जस का तस है..
अजनारा बिल्डर का अहंकार
शासन पर शायद बोझ पड़ा है
चुनावी चंदे का
भगवान भरोसे मध्यम वर्ग@dmgbnagar @CMOfficeUP @OfficialGNIDA @PMOIndia @nbhooshan @dr_maheshsharma#ajnaraLeGardenProtest pic.twitter.com/RZwSmR6nvz— LeGardenFamily (@LeGardenFamily) April 27, 2022
उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा वैस्ट के अजनारा ली गार्डन के निवासी विगत पांच वर्षों से अधूरे हिस्से को पूरा करने की मांग कर रहे हैं। निवासियों का आरोप है कि बिल्डर ने क्लब हाउस, स्वीमिंग पूल, इलेक्ट्रिक एलटी पैनल और पार्क जैसी सुविधाओं के नाम पर पहले ही पैसे ले लिये हैं, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं किया गया। निवासियों ने जब भी इस विषय पर बिल्डर से बात की तो उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर टरका दिया गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि लंबे समय से बिल्डर का यही बर्ताव जारी है।
हाल ही में, 24 अप्रैल, 2022 को अजनारा ले गार्डन के निवासियों ने हाउसिंग सोसायटी के परिसर में बिल्डर के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गुस्साए लोगों ने बिल्डर का पुतला भी फूंका।
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि विगत पांच सालों से बिल्डर से निरंतर की गई शिकायतों के बावजूद उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। प्रशासन के स्तर पर भी बिल्डर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
लोगों ने आरोप लगाया कि बिल्डर ने धरना खत्म करवाने के लिए जान-बूझकर निवासियों को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है। यहां के निवासियों को परेशान करने के लिए बिल्डर नए-नए नियम-कायदे लागू कर रहा है, जिससे यहां के लोग बहुत परेशान हैं।
फ्लैट की पूरी कीमत अदा करने के बावजूद निवासी अभी तक अपने घरों के मालिक नहीं बन पाए हैं, क्योंकि अभी तक उनके फ्लैट का पंजीकरण नहीं हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि अभी तक बिल्डर ने प्राधिकरण का बकाया जमा नहीं कराया है, इसलिए वह हम लोगों के फ्लैट की रजिस्ट्री को भी टाल रहे हैं। रेजिडेंट्स चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी उनके फ्लैट की रजिस्ट्री कराई जाए।
इसी सोसायटी के निवासी सौरभ गुप्ता कहते हैं कि सोसायटी के सैंकड़ों निवासी अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। बावजूद इसके सोसायटी में क्लब, स्वीमिंग पूल और ख़राब बिजली कनेक्शन जैसी अनेक समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। सोसायटी में बिल्डर द्वारा जो किया जा रहा है, इससे यहां के निवासी काफी परेशान हैं और बिल्डर के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है। उन्होंने कहा कि करीब बीस दिन पहले उन्होंने विभिन्न समस्याओं को लेकर बिल्डर को ज्ञापन सौंपा था। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।
सोसायटी के एक अन्य निवासी सूरज अरोड़ा कहते हैं कि जब तक हमारी मांगें नहीं मांगी जाती हम अपना विरोध जारी रखेंगे। वर्षों से हम कई तरह के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर की अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
सूरज अरोड़ा आगे कहते हैं कि यहां की मेंटेनेंस हेड ने एक बार हमसे संपर्क किया था और चीजों के ठीक करने का आश्वासन भी हमें दिया, लेकिन अभी तक यह बात भी कोरा आश्वासन ही साबित हुई है। ऐसा नहीं है कि लोगों का सब्र एक-दो दिन में ही जवाब दे गया है, बल्कि लंबे समय तक इन मांगों की उपेक्षा ने उन्हें आवाज़ उठाने पर मजबूर किया है। बिल्डर को दिया गया पैसा लोगों के मेहनत-पसीने की कमाई है, जिसकी जवाबदेही का उन्हें हक है।
एक अन्य निवासी मुकेश गुप्ता कहते हैं कि इस विरोध प्रदर्शन से पहले हमने निवासियों के हस्ताक्षर के साथ अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। वित्तीय समिति के ऋण और प्राधिकरण के बकाये के कारण अधिभोग प्रमाण पत्र
और पूर्णता प्रमाण पत्र भी नहीं मिले हैं, जिस कारण फ्लैट का पंजीकरण भी नहीं हो पा रहा है।
यहीं के निवासी मनीष सिंह कहते हैं कि हमारी मांग एनसीपीएल कनेक्शन और आवश्यक उपकरण (एलटी पैनल और ट्रांसफार्मर) की स्थापना की भी है।
सोसायटी के निवासी नवीन वाधवानी कहते हैं कि इस सोसायटी को हम लोगों को सौंपे हुए 5 साल हो चुके हैं। बिल्डर ने क्लब के नाम पर हर खरीददार से बीस हजार रुपए अतिरिक्त लिये थे। अब बिल्डर अपने वादे से पीछा छुड़ा रहा है और हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। अब
हम राज्य सरकार की ओर उम्मीद से देख रहे हैं कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इस विषय में ज़रूरी कदम उठाएं और बिल्डर की मनमानी रोकें।