GrenoWest: लंबित रजिस्ट्रियां और दोषपूर्ण संरचना से खरीददार परेशान

ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई सोसायटियों के रहवासियों को खराब स्ट्रक्चर और लंबित रजिस्ट्रियों की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डर और बायर्स के बीच हाथापाई तो आम बात हो गई है।

Noida न्यूज़

Greater Noida: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की कई सोसायटियों के रहवासियों को खराब स्ट्रक्चर और लंबित रजिस्ट्रियों (pending registries) की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बिल्डर और बायर्स के बीच हाथापाई तो आम बात हो गई है।

रहवासियों का आरोप है कि न तो अधिकारी उनकी गुहार पर ध्यान दे रहे हैं और न ही बिल्डर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई कदम उठा रहे हैं। कई निवासियों ने दावा किया है कि हम में से कई ऐसे हैं, जिन्हें हमारे घर का कब्जा भी नहीं मिला है, और जो संपत्ति उन्हें कभी नहीं मिली, उसके लिए वर्षों से किराया और बैंकों को ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं। इस घटनाक्रम से नाराज सैकड़ों घर खरीदारों ने एक मूर्ति सर्कल के पास इकट्ठा होकर 25 दिसंबर, 2022 को अपनी मांग को दोहराया और प्रदर्शन किया।

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सभी घर खरीदारों की एक ही समस्या है और वह है आवास की समस्या से जुड़ी। कई निवासी पिछले 12 वर्षों से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों का दावा है कि नेता आते हैं और चुनाव के समय झूठे वादे करते हैं और झूठे सपने दिखाते हैं कि वे रजिस्ट्री करवाने में मदद करेंगे। लेकिन, चुनाव खत्म होते ही वे गायब हो जाते हैं।

सिस्टम में खामियों से तंग आकर, प्रदर्शनकारियों ने ग्रेनो अथॉरिटी के खिलाफ भी आवाज उठाई और आरोप लगाया कि बिल्डर और अथॉरिटी के बीच सांठगांठ है, जिसके कारण निर्दोष घर खरीदारों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है।

कई महीनों से घर खरीदार ट्विटर पर #कबहोगीरजिस्ट्री और #कबमिलेगाअपनाघर का इस्तेमाल कर अभियान चला रहे हैं। अपकाउंट्री, सुपरटेक इको विलेज 1, 2 और 3, एपेक्स गोल्फ एवेन्यू, जेएम फ्लोरेंस, कासा ग्रीन्स वन, अमात्रा होम्स, अजनारा होम्स, अर्थकॉन, ला रेजिडेंटिया, एमेनॉक्स ला सलोरा, गुलशन बलेना, विक्ट्री वन सेंट्रल आदि जैसी हाईराइज सोसाइटी हैं। घर खरीदारों ने सरकार को उनके वादे की याद दिलाई और बेईमान बिल्डरों के खिलाफ नारे लगाए।

नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार कहते हैं, ‘पिछले हफ्ते हमने विरोध प्रदर्शन किया। उस वक्त भी हमने कहा था कि हम पीछे नहीं हटेंगे और इस हफ्ते भी हम यही कह रहे हैं। यह आंदोलन अब नहीं रुकेगा। सरकार घर खरीदारों की समस्या को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। उन्हें तुरंत रजिस्ट्री शुरू करनी चाहिए और जिन्हें 12 साल से घर नहीं मिला है, उन्हें घर दिया जाना चाहिए।

सुपरटेक इकोविलेज 2 के रहने वाले राजकुमार कहते हैं, “ट्विटर अभियान के नेता और आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कहते हैं कि सरकार से इतनी अपीलें की गईं, अधिकारियों के साथ इतनी बैठकें की गईं लेकिन समस्या थी हल नहीं किया गया। जमीन पर भी हमारी मांगों को लेकर ट्विटर पर शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा।

निराश निवासियों का कहना है, “कोई नहीं सुन रहा है – बिल्डर, प्राधिकरण … कोई भी हमारी बात नहीं सुन रहा है। अब हमारी सारी उम्मीदें सरकार पर हैं। अगर वे भी कुछ नहीं करेंगे तो हम कहां जाएंगे?”

एपेक्स गोल्फ एवेन्यू के निवासी रोहित मिश्रा कहते हैं, “रजिस्ट्री लंबित हैं, संरचनाएं खराब हैं, बैंक ब्याज ले रहे हैं, प्राधिकरण ने रजिस्ट्री राशि ले ली है, बिल्डर ने पैसा ले लिया है। कौन पीड़ित है? सिर्फ और सिर्फ खरीददार! लेकिन एक रजिस्ट्री है जो लंबी अवधि के प्रोजेक्ट की तरह अटकी हुई है।’

सुपरटेक ईकोविलेज-1 निवासी आशीष विजयपुरिया कहते हैं, ‘हमारे बिल्डर की हालत खराब है। फ्लैट की पूरी कीमत सालों पहले वसूल की गई थी। अगर कोई 4 दिनों तक किश्त देने में देरी करता था तो उससे पूरे महीने का जुर्माना और ब्याज वसूला जाता था। अब, 2-3 साल बीत जाने के बाद भी, हमने अभी तक अपना घर पंजीकृत नहीं कराया है।”

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