आजमगढ़ : – अपने पूर्वजों की तलाश में अमेरिका में रहने वाले एक दंपति डेविड कैनन पत्नी लीना के साथ आजमगढ़ पहुंचे, अपने पूर्वजों के गांव आजमगढ़ के माड़ाकर्मनाथ पट्टी पहुंचे दंपत्ति का गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ. यह सब नज़ारा देख व अपने पूर्वजों से मुलाकात करने के बाद दंपत्ति भावुक हो गया.
अमेरिका के रहने वाले डेविड कैनन पिछले पांच वर्ष से अपने पूर्वजों की तलाश कर रहे थे. इसी बीच उनको पता चला कि उनके पूर्वज भारत में आजमगढ़ जिले के रहने वाले थे. ऐसे में डेविड अपनी पत्नी लीना को लेकर अपने पूर्वजों से मिलने चले आए. डेविड कैनन का परिवार तीन पीढ़ियों से अमेरिका में रह रहा है. माड़ाकर्मनाथ पट्टी पहुंचे ने डेविड कैनन ने भावुक होते हुए गांव की मिट्टी को अपने माथे से लगाया. सारी स्थिति स्पष्ट होते ही ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया.
डेविड के पूर्वज रामखेलावन मौर्य जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र के माड़ाकर्मनाथ पट्टी गांव के रहने वाले थे. आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील अंतर्गत माड़ाकर्मनाथ गांव के रहने वाले रामखेलावन मौर्य पुत्र टहल साल 1907 में अपने गांव से मजदूरी करने के लिए कोलकाता गए थे. कोलकाता में मजदूरी करने के बाद कंपनी के अनुबंध के अनुसार रामखेलावन को त्रिनिदाद जाना पड़ा. वहां उनका विवाह भारतीय मूल की रहने वाली रामकली के साथ हुआ. शादी के बाद त्रिनिदाद निवास करने के दौरान रामकली और रामखेलावन ने बच्चों को जन्म दिया. उसी परिवार में डेविड का भी जन्म हुआ.
डेविड की मां मार्लिन को उनके ससुराल पूर्वजों के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी. त्रिनिदाद एंड टोबैगो में एक दिन उनकी मां डॉक्टर के पास दवा लेने गई थीं. पता चला डॉक्टर विनोद कुमार सिंह मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं. उनसे बातचीत के दौरान पूर्वजों की जानकारी हुई. तमाम दस्तावेजों को खंगालने के बाद उन्हें अपने पूर्वजों के गांव के बारे में पता चला. इसके लिए वह दस्तावेजों की खोजबीन करते हुए कोलकाता, कोलकाता से उत्तर प्रदेश में अपने गाँव तक पहुँच गए.
आजमगढ़ पहुंचने के बाद पता चला कि रामखेलावन मौर्य के छोटे भाई पलटन मौर्य अभी जिंदा हैं. इसके बाद पुलिस प्रशासन के सहयोग से करीब 116 वर्ष बाद डेविड कैनन अपनी पत्नी लीना के साथ गांव पहुंचे. इसके लिए पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य, अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल और प्रशासन ने उनका सहयोग किया.
गाँव के लेखपाल त्रिभुवन यादव ने जानकारी दी कि दो दिन से राम खेलावन मौर्य की जमीन और निवास की तलाश की जा रही थी. काफी खोजबीन और दस्तावेजों के आधार पर डेविड को उनके पूर्वजों के बारे में जानकारी मिली. सभी के सहयोग से डेविड व उनके पूर्वज के बीच सारी स्थिति को समझाने की कोशिश की गई.
गांव में जब डेविड के पूर्वजों व परिवार के लोगों को इसके बारे में पता चला तो लोग ढोल नगाड़ा बजाकर डेविड का स्वागत किया. दंपति डेविड कैनन पत्नी लीना का ग्राम प्रधान रामबचन यादव के घर पर स्वागत किया गया यहाँ पर इन्होने नाश्ता भी किया. ग्राम प्रधान ने बताया कि जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका गए थे तो वहीं डेविड की माता से मुलाकात एनआरआई के रूप में हुई थी. पूर्वजों और उनके परिवार के आने लोगों से मुलाकात करने के बाद डेविड काफी खुश हुए और उन्होंने कहा कि साल भर के अंदर वे अपनी माता मार्लिन को लेकर आने की बात कही. डेविड कैनन के परिवार के अन्य सदस्य माड़ाकर्मनाथ पट्टी में आज भी मेहनत मजदूरी करते हैं. इस बीच . अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल ने कहा कि पुलिस का प्रयास रहता है कि ऐसे लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया जाए.