New Delhi: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आमने सामने से गुजर रही सड़क के बीच स्थित सेंट्रल वर्ज पर हरियाली की व्यवस्था की गई थी, लेकिन आज आलम यह है कि कई सेंट्रल वर्ज पर हरियाली के नाम पर एक पत्ता तक नहीं है। हालत अब यह है कि सेंट्रल वर्ज खस्ता हालत में है। उत्तम नगर, जनकपुरी, द्वारका मोड़, नजफगढ़, विकासपुरी, पंजाबी बाग सहित दिल्ली के बड़े इलाके में सेंट्रल वर्ज बीते कई सालों से उपेक्षित है।
हरियाली नहीं दिखती है गंदगी
जनकपुरी, डाबड़ी, पालम में हरियाली के लिए संरक्षित क्षेत्र में गंदगी का अंबार है, जिसके चलते यहां आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। सड़क किनारे पशु के जमावड़े के कारण सड़क दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार कार फ्री डे, पौधारोपण आदि जैसे काफी प्रयास कर चुकी है, लेकिन विभाग के अधिकारियों की सुस्ती के चलते हरित क्षेत्र कूड़े के ढेर में तब्दील हो गए हैं। सेंट्रल वर्ज के दोनो हिस्सों में लगे लोहे के ग्रिल भी धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं। यह स्थिति कई सालों से बनी हुई है। वहीं पंखा रोड पर सेंट्रल वर्ज उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यहां सेंट्रल वर्ज पर जो कुछ पेड़ बचे हैं वे भी पानी न मिलने के कारण सूख रहे हैं।
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नजफगढ़ मेन रोड का हाल बुरा
नजफगढ़ रोड पर सेंट्रल वर्ज उपेक्षा की मार झेल रहा है। यहां हरियाली के नाम पर एक पेड़ या पौधा भी नहीं है। सेंट्रल वर्ज पर सिवाय गंदगी के और कुछ नजर नहीं आता है। टाइलें सारी उखड़ी पड़ी हैं। उबड़-खाबड़ इस सेंट्रल वर्ज पर चलना यानि दुर्घटना को दावत देने जैसा है।
सेंट्रल वर्ज पर हरियाली क्यों जरूरी
सड़क पर आमने सामने से आ रहे वाहनों की रौशनी चालक की आंख में सीधी नहीं पड़े, इसके लिए सेंट्रल वर्ज पर लगी झाड़ियां व हरियाली अवरोधक का काम करती है। इससे चालक की आंख में वाहन की तेज रोशनी सीधी नहीं पड़ती, नतीजा चालक सही तरीके से देख पाता है। जिन सड़कों पर सेंट्रल वर्ज पर हरियाली नहीं होती, वहां चालकों को दिन ढलने के बाद काफी दिक्कत होती है।