जानिए साल्मोनेला और शिगेला बैक्टीरिया के बारे में, जो ज़िम्मेदार है केरल में हुई मौतों का

मसालेदार स्ट्रीट ट्रीट की अपनी गैस्ट्रोनॉमिक संस्कृति को देखते हुए हम भारतीय अक्सर फूड पाइजनिंग को बहुत हल्के में लेते हैं। केरल में हुई हालिया घटना से पता चलता है कि फूड पाइजनिंग भी घातक हो सकती है।

न्यूज़ सेहत
Know about Salmonella and Shigella bacteria, which are responsible for the deaths in Kerala

हाल ही में उत्तरी केरल के एक जिले से एक लड़की की मौत और शवरमा खाने से 58 लोगों के बीमार होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जांच करने पर पता चला कि भोजन के नमूने में शिगेला और साल्मोनेला बैक्टीरिया के अंश पाए गए।

मसालेदार स्ट्रीट ट्रीट की अपनी गैस्ट्रोनॉमिक संस्कृति को देखते हुए हम भारतीय अक्सर फूड पाइजनिंग को बहुत हल्के में लेते हैं। हालांकि, जैसा कि हालिया घटना से पता चलता है कि फूड पाइजनिंग भी घातक हो सकती है। गर्मियों और लू के दौरान सभी को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

शिगेला और साल्मोनेला बैक्टीरिया आंतों में संक्रमण का कारण बनता है। शिगेला दस्त के प्रमुख कारणों में से एक है। शिगेला शिगेलोसिस नामक संक्रमण का कारण बन सकता है, जबकि साल्मोनेला साल्मोनेलोसिस का कारण बन सकता है।

घर से दूर रहने वाले छोटे बच्चों में इन जीवाणुओं के कारण फूड पाइजनिंग होना आम बात है। तरल पदार्थों के सेवन और आराम करने से आमतौर पर यह रोग पांच से सात दिनों में अपने आप ही दूर हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है।

कारण

शिगेला संक्रमण अत्यधिक घातक है, क्योंकि यह लोगों को तब संक्रमित कर सकता है, जब वे शिगेला प्रभावित के संपर्क में आते हैं या किसी भी भोजन में मौजूद बैक्टीरिया को निगल लेते हैं अथवा शिगेला से संक्रमित व्यक्ति की थाली से कुछ खाते हैं।

साल्मोनेला संक्रमण आमतौर पर तब होता है, जब लोग कच्चे या अधपके मांसाहारी खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मुर्गी और अंडे या अंडे के उत्पाद खाते हैं, बिना पाश्चुरीकृत दूध पीते हैं, वे दूषित पानी या भोजन के माध्यम से सबसे अधिक बार संक्रमित होते हैं।

लक्षण
शिगेला और साल्मोनेला संक्रमण के मुख्य लक्षण आमतौर पर सामान्य हैं, जैसे- दस्त, पेट में ऐंठन, बुखार, मतली और उल्टी। गंभीर मामलों में, ठंड लगना, सिरदर्द और मल में खून आना। लक्षण एक दिन के भीतर दिखने शुरू हो जाते हैं और इसे विकसित होने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है। छोटे बच्चे इस तरह के संक्रमण से बहुत जल्दी ग्रस्त होते हैं और बच्चों में सूखी अथवा धँसी हुई आँखें और सूखे डायपर जैसे लक्षण दिख सकते हैं।

निवारण

  • खाना खाने, चेहरे या मुंह को छूने से पहले नियमित रूप से हाथ धोना।
  • बाहर से आने वाले भोजन से परहेज करें।
  • जब पानी उपलब्ध न हो तो सैनिटाइज़र का प्रयोग करें।
  • सुनिश्चित करें कि बच्चे बार-बार हाथ धोएं।
  • गंदे डायपर को ठीक से फेंकें।
  • किसी ऐसे व्यक्ति के साथ निकट संपर्क से बचें ,जिसे दस्त की शिकायत हो या जो हाल ही
    में दस्त की समस्या से ठीक हुआ हो।
  • डायरिया होने पर दूसरों के लिए खाना न बनाएं।
  • जब इलाज की जरूरत हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें, डॉक्टर आमतौर पर
    एंटीबायोटिक्स लिखते हैं।
  • अगर बुखार 101 फरहेनिट को छूता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published.