हाल ही में दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने मेडिकल साइंस के विद्यार्थियों को विशेषज्ञता देने के साथ-साथ मेडिकल साइंस इंडस्ट्री की ज़रूरतों को पूरा करने व उनकी कौशल दक्षता बढ़ाने के लिए दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) में दो नए जॉब ओरिएंटेड कोर्स बीएससी बायोमेडिकल साइंस व बीएससी नर्सिंग की शुरुआत की है।
यहां स्टूडेंट्स को नर्सिंग के तीसरे और चौथे साल में डायग्नोस्टिक्स, रेडियोलॉजी तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों में सुपर-स्पेशलाइजेशन प्रदान करने की दिशा में काम किया जाएगा।
इन पाठ्यक्रमों की आवश्यकता बताते हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के बाद की स्थितियों में हेल्थ केयर मैनपॉवर, स्पेशलाइज्ड पेशेंट सपोर्ट सर्विसेज विशेष रोगी और मेडिकल के क्षेत्र में प्रबंधन की मांग बढ़ी है। ऐसे में ये पाठ्यक्रम मेडिकल साइंसेज के स्टूडेंट्स को स्पेशलाइज्ड स्किल्स देंगे और उनके लिए नौकरी की संभावनाओं को बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि डीपीएसआरयू समय की ज़रूरतों के अनुसार इन कोर्सेज में बदलाव भी करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना के दौरान देश की हेल्थ केयर इंडस्ट्री में ऐसे हेल्थ केयर प्रोफेशनल की भारी कमी देखने को मिली, जो स्पेसिफिक मेडिकल टेक्नोलॉजी के साथ डॉक्टरों की बेहतर ढंग से सहायता कर सकें। ऐसे में इस तरह के कोर्सेज स्टूडेंट्स को स्किल व नॉलेज देने के साथ-साथ देश में हेल्थ केयर इंडस्ट्री की ज़रूरतों को भी पूरा करने में मदद करेंगे।
इन पाठ्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताते हुए डीपीएसआरयू के उपकुलपति रमेश के. गोयल ने कहा कि स्टूडेंट्स को प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिए डीपीएसआरयू अंबेडकर नगर अस्पताल, दक्षिणपुरी और दिल्ली के कुछ अन्य अस्पतालों के साथ एमओयू भी कर रहे हैं। साथ ही विश्वविद्यालय यह भी सुनिश्चित करेगा कि हर विद्यार्थी को अपनी विशेषज्ञता के दौरान ही आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाए।
उन्होंने बताया कि यह एनईपी 2020 के अनुसार, इन पाठ्यक्रमों में चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम व मल्टीपल एग्जिट के प्रावधान भी दिए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि डीपीएसआरयू ने इससे पहले यहां बी.फार्मा (आयुर्वेद), डीएमएलटी, बीएमएलटी, बीबीए (कम्युनिटी हेल्थ), एमएससी (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मेडिसिन) जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए थे।