नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशंस ने की पहल पर्यावरण चिंता की दिशा में

एनओएफएए क्लस्टर आधारित विकेन्द्रीकृत वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए प्रशासन से ख़ाली ज़मीन की मांग की गई।

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नोएडा: नोएडावासियों ने क्षेत्र में उत्पन्न हो रहे कचरे के निस्तारण और पर्यावरण को स्वच्छ व सुंदर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स ऑफ एसोसिएशन ने हाल ही में  को नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को एक पत्र लिखकर बढ़ते कचरे और पर्यावरण प्रदूषण के प्रति अपनी चिंता ज़ाहिर की। इसके अंतर्गत नोएडा सेक्टर 50, 61, 75 और 76 में क्लस्टर आधारित विकेन्द्रीकृत वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने के लिए प्रशासन से ख़ाली ज़मीन की मांग की है।

निवासियों ने कहा कि एक विकेन्द्रीकृत वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट वैज्ञानिक तरीके से कचरे के निस्तारण में हमारी मदद करेगा।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यहां की अधिकतर बहुमंजिला सोसायटी एक दशक से भी अधिक पुरानी हैं। इन सोसायटियों में 2016 में जारी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के अनुपालन के लिए बिल्डर द्वारा कोई प्रावधान नहीं किया गया। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए न तो कोई स्थान आवंटित किया गया और न ही इसके लिए किसी प्रकार का कोई अनुदान आवंटित किया गया।

एनओएफएए के सदस्यों के अनुसार नोएडा प्राधिकरण के लिए क्लस्टर आधारित विकेन्द्रीकृत वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए सब्सिडी प्रदान करना कानूनी रूप से संभव नहीं है। नतीजतन, एनओएफएए के सदस्यों ने स्वच्छता की दिशा में अपने स्तर पर पहल करते हुए वेस्ट मैनेजमेंट के प्रबंधन 2016 का अनुपालन करने के लिए कई अपार्टमेंट मालिकों के साथ मिलकर संघों को तैयार किया, जो स्ववित्त पोषित था।

एनओएफएए के अध्यक्ष राजीव सिंह कहते हैं कि हमारा उद्देश्य लैंडफिल के लिए न्यूनतम या शून्य अपशिष्ट प्राप्त करना है। हमारे सेक्टर 50 ने एओए के साथ एक क्लस्टर बनाया है और सेक्टर 76, 61, 62, 93, 137 जैसे अन्य क्षेत्रों के लिए क्लस्टर की योजना बनाई जा रही है। वे आगे कहते हैं  कि सेक्टर 50 में 24 हाईराइज कॉम्प्लेक्स हैं और इन अपार्टमेंट्स में करीब 4500 परिवार रहते हैं। इसी श्रृंखला में सभी थोक अपशिष्ट जनरेटर को समायोजित करने की योजना है, ताकि लगभग 6500 किलोग्राम अलग किए गए कचरे को वैज्ञानिक रूप से संशोधित करके उसका जा सके।

एनओएफएए के महासचिव राजेश सहाय कहते हैं कि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सोसायटी हैं, जो एक दशक से अधिक पुरानी हैं। इनके आवंटन के समय किसी भी प्रकार की वेस्ट मैनेजमेंट की कोई व्यवस्था नहीं थी। नोएडा के विभिन्न क्षेत्रों में क्लस्टर आधरित संयंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है। यह नोएडा प्राधिकरण को शहर के 90 प्रतिशत कचरे के निपटाने में मदद करेगा।

विंडसर ग्रीन्स निवासी मंजू गुप्ता कहती हैं कि एफ ब्लॉक, सेक्टर 50 में ऊंची इमारतों का निर्माण तब किया गया था, जब कचरा प्रबंधन की कोई ठोस योजना नहीं थी, इसीलिए इन परिसरों में अपशिष्ट के निपटारे और प्रसंस्करण की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कचरे को संसाधित करने के लिए आस-पास ही वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट होना चाहिए।

वे बताती हैं कि इन सोसायटियों में बड़ी संख्या में लोग रहते हैं, जिस कारण इन इलाकों में काफी मात्रा में कचरा उत्पन्न होता है। इस कचरे को बहुत दूर तक नहीं ले जाया जा सकता, क्योंकि यह शहर को और अधिक प्रदूषित करेगा।

स्टेलर अपार्टमेंट की मनप्रीत कौर कहती है कि एक विकेन्द्रीकृत वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट स्थापित करने की बहुत अधिक आवश्यकता है। क्लस्टर आधारित संयत्र स्थापित करना और कचरे को अलग करना सबसे अच्छा समाधान है। यदि हम 1000 किलो कचरा इकट‍्ठा करते हैं तो कचरा प्रबंधन संयंत्र की मदद से हम कचरे को अलग कर सकते हैं और हरा कचरा विघटित हो जाएगा। प्लास्टिक कचरे को रिसाइकलड किया जाएगा और मुश्किल से 200 किलो कचरा लैंडफिल में जाएगा। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी।

यदि प्रशासन द्वारा इस ओर ध्यान दिया जाए तो नोएडा के कचरे का ही उपयोग करके नोएडा को सुंदर, हरा-भरा, साफ-सुथरा और आदर्श शहर बनाया जा सकता है। ज़रूरत है सिर्फ थोड़ी सी सूझ-बूझ भरे प्रयास और प्रशासन के सहयोग की।

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