Noida: आईटी और औद्योगिक सिटी होने के कारण नोएडा में 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं नौकरीपेशा हैं। इनमें से 30 प्रतिशत ऐसी महिलाएं हैं, जो यहां के एमएसएमई सेक्टर की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में काम करती हैं। ये महिलाएं दिन और रात दोनों ही शिफ्टों में काम करती हैं। इसके अलावा नाइट कॉल सेंटर में भी महिलाएं कार्यरत हैं, जिनकी सुरक्षा काफी अहम है। नोएडा में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमेशा से मांग रही है। प्रदेश सरकार ने जनपद गौतमबुद्ध नगर को सेफ सिटी योजना में शामिल किया है, ताकि कामकाजी महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा मिले।
महिलाओं की सुरक्षा को बेहतर करने के लिए अप्रैल 2021 में एक प्रस्ताव पर सर्विलांस सीसीटीवी कैमरा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसे केंद्र सरकार की सेफ सिटी योजना के तहत मंजूर किया गया था।
ज्वॉइंट सीपी लव कुमार ने बताया कि सेफ सिटी परियोजना के अन्तर्गत कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में पुलिस विभाग ने जेवर से लाल कुआं और दादरी से नोएडा सेक्टर 44 ए तक सभी इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए सर्वे का काम करवाया था। इसके अंतर्गत 699 हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। इसमें से प्रथम चरण हेतु कुल 450 पॉइंट्स चिन्हित किए गए हैं, जिनमें पीटी जेड कैमरा 298, पिक्स कैमरा 1229 स्थापित किए जाने हैं। परियोजना के अंतर्गत 50 पिंक बूथ, 5 ड्रोन व एक मोबाइल सीसीटीवी वैन स्थापित किए जाने हैं।
ये भी पढ़ें: Noida में Ration Card को लेकर फैले भ्रम की ये है सच्चाई!
ज्वॉइंट सीपी ने बताया कि पिंक पैट्रोल हेतु 30 एसयूवी और 40 स्कूटी खरीदी जानी है। चिन्हित हॉटस्पॉट स्थानों की मॉनिटरिंग हेतु इंटीग्रेटेड स्मार्ट कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। सेफ सिटी परियोजना हेतु पुलिस विभाग द्वारा लगभग 150 करोड़ रुपये का वित्तीय आगणन उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय के माध्यम से गृह विभाग को प्रेषित किया गया है। अन्य विभागों द्वारा अंधेरे स्थानों पर स्ट्रीट लाइट लगाया जाना, वन स्टॉप सेंटर (आशा ज्योति केन्द्र) की स्थापना एवं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा नोएडा के सिटी सेंटर स्थित बस स्टेशन पर वातानुकूलित अत्याधुनिक पिंक विश्राम गृह मय टॉयलेट एवं नोएडा क्षेत्र की 300 बसों में वेब कैमरों की व्यवस्था हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में सेफ सिटी परियोजना हेतु घोषणा की गई है, जिसके लिए बजट में 523 करोड़ 34 लाख रुपए प्रस्तावित किए गए हैं। गौतमबुद्ध नगर के अलावा लखनऊ, आगरा, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज में भी इस योजना को लागू किया जाना है।