Noida – नोएडा शहर में बिना यूपी रेरा रजिस्ट्रेशन और बिना नक्शा पास करवाए हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाले एमथ्रीएम बिल्डर (M3M Builder) के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने बड़ी कार्रवाई हुई है. शिप्रा समूह ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में इंडियाबुल्स, एमथ्रीएम बिल्डर और एडलविज कंपनी के 18 निदेशकों पर जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाया है.
इस मामले को संज्ञान लेते हुए यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुणवीर सिंह ने एमथ्रीएम बिल्डर, कदम ग्रुप और इंडिया बुल्स कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया है. नियमों को ताक पर रखने वाली इन कंपनियों ने शासन को अँधेरे में रख कर शुल्क की हेराफेरी की है. इन कंपनियों से 200 करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी. यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु महेश्वरी को पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि नोएडा के सेक्टर-128 में एमथ्रीएम की घोषित हाउसिंग स्कीम का नक्शा पास नहीं किया जाए.
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विदित हो कि यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण करने के लिए जेपी समूह और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच लगभग डेढ़ दशक पहले एक अनुबंध हुआ था. जिसके तहत नोएडा सेक्टर-128 में यमुना प्राधिकरण में जेपी समूह को जमीन दी गई थी. बाद में कर्जों में दबे जेपी समूह ने सेक्टर-128 में मिली जमीं में से 73 एकड़ का एक भूखंड गाजियाबाद के एक अन्य बिल्डर कदम समूह को बेच दिया. कदम समूह और शिप्रा समूह ने अपनी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लोन लिया और यह जमीन गिरवी रख दी. इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ने गिरवी जमीन और कदम समूह के शेयर एमथ्रीएम बिल्डर को 900 करोड़ रुपए में बेच दिए.
हाल ही में परियोजना से जुड़े शिप्रा समूह ने गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में इंडियाबुल्स, एमथ्रीएम बिल्डर और एडलविज कंपनी के 18 निदेशकों पर जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज करवाया है. वहीँ दूसरी ओर एमथ्रीएम बिल्डर ने नोएडा के सेक्टर-128 में यह 73 एकड़ जमीन कानूनी रूप से मिले बिना हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच कर दिया.
धोखाधड़ी व् नियमों की अवहेलना के इस मामले को यमुना अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुणवीर सिंह ने संज्ञान लिया, उन्होंने बताया कि इंदिरापुरम थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक यह जमीन इन कंपनियों ने मनमाने ढंग से कागजों में दो बार ट्रांसफर कर ली है. इस बारे में प्राधिकरण को कोई जानकारी नहीं दी गई . इस प्रक्रिया में दो बार ट्रांसफर करने पर लगभग 200 करोड़ रुपए शुल्क प्राधिकरण को चुकाना होगा.
उन्होंने बताया कि यूपी रेरा से रजिस्ट्रेशन लिए बिना प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं किया जा सकता है.यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने नोएडा अथॉरिटी की सीईओ को लिखे पत्र में कहा है कि यदि इस परियोजना का नक्शा पास कर दिया गया है तो उसे तत्काल रद्द कर दिया जाए. वहीँ जानकारी मिली है , नोएडा अथॉरिटी के समक्ष एमथ्रीएम बिल्डर ने सेक्टर-128 में ग्रुप हाऊसिंग परियोजना लॉन्च करने के लिए अब तक कोई आवेदन नहीं किया है, साथ ही उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण में भी एमथ्रीएम बिल्डर ने रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आवेदन नहीं किया है.