द्वारका में डेढ़ महीने से दूषित जलापूर्ति की समस्या झेल रहे हैं लोग

गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक होती है, लेकिन जब से पारा चढ़ा है, तब से हमें उतना पानी भी नहीं मिल पा रहा है जिसके हम हकदार है।

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Dwarka: द्वारका सेक्टर 13 स्थित नेताजी सुभाष अपार्टमेंट में रहने वाले लोग दूषित जलापूर्ति की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि गर्मी के मौसम में पानी की जरूरत सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक होती है, लेकिन जब से पारा चढ़ा है, तब से हमें उतना पानी भी नहीं मिल पा रहा है जिसके हम हकदार है। जो पानी मिल रहा है वह भी दूषित होने के कारण इस्तेमाल के योग्य नहीं है।

बदला विभाग नहीं बदली किस्मत

उपनगरी द्वारका में जलापूर्ति की जिम्मेदारी पहले डीडीए के पास थी, लेकिन करीब पांच वर्ष पूर्व जलापूर्ति का काम दिल्ली जल बोर्ड ने संभाल लिया। लोगों को उम्मीद थी कि जल बोर्ड के पास जलापूर्ति की व्यवस्था होने से उपनगरी के लोगों को पानी से जुड़ी समस्या झेलनी नहीं पड़ेगी, लेकिन यह सोच समय के साथ धूमिल होती चला गयी।

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तीन दशक पुरानी है पाइप लाइन

लोगों ने बताया कि पानी की पाइपलाइन करीब 30 वर्ष पुरानी है और कई जगह से जर्जर हो गई है, जिसके कारण दूषित जल की आपूर्ति हो रही है। पाइप लाइन को जब तक बदला नहीं जाता, तब तक समस्या यथावत बनी रहेगी।

344 फ्लैट प्रभावित

दूषित जलापूर्ति के कारण सोसाइटी के 344 घर में रहने वाले करीब दो हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं। लोगों ने बताया कि पिछले वर्ष यह समस्या 20 घरों में देखी गई थी, पर इस साल पूरी सोसाइटी इससे तबाह है। पानी में इतनी गंदी बदबू आती है कि उसका इस्तेमाल दैनिक कार्यों में भी नहीं किया जा सकता है। ऐसे में अस्थायी तौर पर दिल्ली जल बोर्ड के टैंकर से जलापूर्ति कर रहे हैं। सोसायटी परिवेश में टैंकर से पानी भरना मुश्किल है। ऐसे में प्रत्येक परिवार ने ग्राउंड फ्लोर पर 500 लीटर की निजी टंकी रखी हुई है

लोगों की बात

सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष विकास यादव बताते हैं कि सुबह छह से सात बजे और आठ से 12 बजे के बीच पानी के आने का समय है। अभी आठ से 12 बजे के बीच तो बीते दो माह से पानी ही नहीं आ रहा है। छह से सात बजे के बीच दूषित जलापूर्ति होती है। दूषित जलापूर्ति के कारण मेरे पूरे परिवार को पेट संबंधित समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

दूषित जलापूर्ति के कारण मेरी आंखों में सूजन आ गई है। बीते दो माह से दूषित जलापूर्ति के कारण मैं और मेरा पूरा परिवार परेशान है। सोसाइटी की राधिका शर्मा बताती हैं कि कई बार दिल्ली जल बोर्ड का टैंकर नहीं आता है तो निजी टैंकर बुलाना पड़ता है। पीने के लिए तो 25 लीटर की केन खरीदकर लाते है। पानी के अभाव में साेसायटी परिसर में हरित क्षेत्र का रखरखाव भी चुनौती बन गया है। राजरानी अग्रवाल बताती हैं कि पानी इतना दूषित है कि उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। टैंकर से फिलहाल जलापूर्ति हो रही है, पर दिल्ली जल बोर्ड का एक ही टैंकर आता है जो पर्याप्त नहीं है। टैंकर
से पानी भरने के दौरान लोगों से लड़ाई आम हो चुकी है।

क्षेत्र के विधायक गुलाब सिंह का कहना है कि समस्या के स्थायी निदान की दिशा में प्रयास जारी है। जल्द ही पुरानी पाइप लाइन को बदला जाएगा। इस प्रक्रिया से जुड़ा टेंडर जारी हो चुका है।

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