महावीर नगर में आत्मसुरक्षा शिविर का आयोजन, Delhi Police दे रही है प्रशिक्षण

Delhi Police व प्रयास ट्रस्ट की ओर से आर्य समाज महावीर नगर व गुरुद्वारा श्री सिंह सभा, न्यू महावीर नगर में आत्मसुरक्षा शिविर का पांच दिवसीय आयोजन चल रहा है।

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Delhi: महावीर नगर इलाके में इन दिनों बड़ी संख्या में लड़कियां व महिलाएं आत्मसुरक्षा के गुर सीखने में जुटी हैं। कई कतारों में एक ही जगह पर मां और बेटी दोनों आत्मसुरक्षा के गुर सीखती नजर आती हैं। दरअसल दिल्ली पुलिस (Delhi Police) व प्रयास ट्रस्ट की ओर से आर्य समाज महावीर नगर व गुरुद्वारा श्री सिंह सभा, न्यू महावीर नगर में आत्मसुरक्षा शिविर का पांच दिवसीय आयोजन चल रहा है।

आयोजनकर्ता अंजू कोहली का कहना है कि बदल रहे माहौल में स्वयं की रक्षा करनी है तो कुछ ऐसा सीखना जरूरी है, जिससे समय रहते स्वयं का बचाव किया जा सकें। माता-पिता हमेशा साथ नहीं रहते। कभी-कभी सतर्कता के बावजूद दुर्घटना हो जाती हैं। इसके लिए आत्मसुरक्षा से जुड़ी तकनीक के ज्ञान से बेहतर कुछ और हो ही नहीं सकता है। शिविर के समापन पर सीख रही लड़कियों व महिलाओं को सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।

शिविर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल बटालियन से आई महिला प्रशिक्षक हेड कांस्टेबल अंतिम व स्नेहा आत्मसुरक्षा तकनीक के गुर सिखा रही हैं। रोजाना दो घंटे का सामूहिक अभ्यास किया जाता है। इस दौरान विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला अकेले अपने दम पर कैसे करना है, इसके बारे में बताया जा रहा है।

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कैसे करें खुद का बचाव

शिविर में दिल्ली पुलिस से आई प्रशिक्षक अलग मार्शल आर्ट की कुछ खास बातों की जानकारी दे रही हैं। इसके लिए अपर कट पंच, साइड किक, हथेली से वार जैसी तकनीकें सिखाई जा रही हैं, जिससे हमलावर को ढेर किया जा सकता है। इसके अलावा हाथ व पैर से किसी व्यक्ति पर विपरीत परिस्थितियों में कैसे सटीक वार किया जाए, इसके बारे में भी बताया जा रहा है।

जो संसाधन है उपलब्ध, उससे ही करें बचाव

जरूरी नहीं है कि आप बचाव के लिए किसी ऐसी चीज का इस्तेमाल करें, जो आसानी से उपलब्ध न हो। हकीकत यह है कि यदि सही जानकारी हो तो ऐसी चीजों से भी खुद का बचाव किया जा सकता है, जो आपातकाल में आपके पास आसानी से उपलब्ध हों। ऐसी चीजों में कलम, सेफ्टी पिन, बेल्ट, दुपट्टा शामिल हैं।

गुड टच व बैड टच की दी जा रही है जानकारी

शिविर में कम उम्र की लड़कियां भी हिस्सा ले रही हैं। ऐसी लड़कियों को पुलिस प्रशिक्षक गुड टच व बैड टच की भी जानकारी दे रही हैं, ताकि बच्ची बुरी हरकत करने वाले लोगों के मनोभाव को पकड़कर इसकी जानकारी बड़ों को दें। कई बार लड़कियों को इस बात का ज्ञान ही नहीं होता कि वे अंजाने में शोषण की शिकार हो रही हैं। ऐसे में यह जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वर्तमान समय को देखते हुए इस प्रकार के प्रशिक्षण की अहमियत समझी जा सकती है। ये प्रशिक्षण किसी एक सोसायटी तक सीमित न रहकर, हर सोसायटी को अपने यहां आयोजित करवाने चाहिए।

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