Sharad Purnima 2022 : वैसे तो हिंदू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार वर्ष भर की सभी पूर्णिमाओं और अमावस्या का विशेष माना जाता है लेकिन सभी पूर्णिमा में आश्विन मास की शरद पूर्णिमा श्रेष्ठतम मानी गई है। माना जाता है कि आज के मां लक्ष्मी की आराधना से व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति होती है। भगवान कृष्ण और राधा की पूजा के लिए भी शरद पूर्णिमा विशेष मानी जाती हे। शरद पूर्णिमा को कोजोगार पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कुमार पूर्णिमा कहा जाता है और इस दिन रखे जाने वाले व्रत को कौमुदी व्रत कहते हैं।
शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की होती है पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन के द्वारा देवी लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ था। इसीलिए देश के अलग अलग हिस्सों में शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी की उपासना का भी विधान है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी लोक का भ्रमण करती है और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। इस दिन प्रकृति मां लक्ष्मी का स्वागत करती है।
चंद्रदेव करते हैं अमृत वर्षा
माना जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होते हैं और इस रात चंद्रमा का ओज सबसे तेज होता है। मान्यता यह भी है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ पृथ्वी पर शीतलता की वर्षा करते हैं। इसीलिए आज के दिन खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है। माना जाता है कि इस खीर के सेवन से व्यक्ति का मन शांत रहता है और वह निरोगी रहता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में बैठने से शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है। श्वांस एवं पित्त संबंधी बीमारी दूर होती है।
अलग अलग नाम से मनाई जाती है शरद पूर्णिमा
भारत भर में शरद पूर्णिमा का इतना महात्मय है कि भारत के अलग अलग राज्यों में शरद पूर्णिमा को अलग अलग नामों से मनाया जाता है।
बंगाल में लक्खी पूजा
बंगाल में शरद पूर्णिमा को लोग लक्खी पूजा के रूप में मनाते हैं। इस दिन देवी मंदिरों में जहां जहां मां दुर्गा की प्रतिमा होती है वहां मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की जाती है और धूमधाम के साथ मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है।
मिथिला में कोजागरा
शरद पूर्णिमा को मिथिला वासी कोजागरा के रूप में मनाते हैं। इस दिन नवविवाहिता वर वधु घर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन महिलाएं पूरे दिन महिलाएं निर्जला उपवास कर शाम को मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करती हैं। कोजगरा पर मधुर, मखान और पान को विशेष महत्व दिया जाता है।
गुजरात में शरद पूनम या रास पूर्णिमा
गुजरात में शरद पूर्णिमा को शरद पूनम के नाम से जाता है। गुजराती समाज के लोग आज के दिन रात्रि को खुले आसमान के नीचे रास गरबा करते हैं।
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