Delhi को भारत की सोलर रूफटॉप कैपिटल के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार है प्रयासरत

डीडीसी और आरएमआई इंडिया ने स्टेकहोल्डर्स के साथ परामर्श करने के लिए दिल्ली सौर नीति पर राष्ट्रीय परामर्श की मेजबानी की

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The government is trying to develop Delhi as the solar rooftop capital of India.

Delhi की नई सौर नीति तैयार करने के लिए ‘दिल्ली सौर नीति’ पर सरकार द्वारा राष्ट्रीय परामर्श’ का आयोजन किया गया। आरएमआई इंडिया के सहयोग से आयोजित परामर्श का उद्देश्य दिल्ली के सौर लक्ष्यों के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करना है, ताकि दिल्ली को रूफटॉप सौर अपनाने के मामले में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थापित किया जा सके।

राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया था, जिसमें दिल्ली सरकार (Delhi government)की तरफ से ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन, डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गोपाल मोहन, सत्य गोपाल शामिल हुए। ‌वहीं इस परामर्श में सौर डेवलपर्स, जैसे सनएडिसन और फोर्थ पार्टनर एनर्जी, सरकारी एजेंसियों, डिस्कॉम, सरकारी एजेंसियों, डिस्कॉम, थिंक टैंक, उपभोक्ता संघों, फाइनेंसरों आदि सहित कई स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया।

उद्घाटन सत्र के दौरान आरएमआई इंडिया, आईसीएलईआई, सीईईडब्ल्यू, अर्न्स्ट एंड यंग आदि संगठनों द्वारा सोलर रूफटॉप अपनाने में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय केस स्टडी प्रस्तुत की गई।

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इस दौरान दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के माध्यम से दिल्ली सरकार पीक लोड को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नवीन तंत्रों का पता लगाएगी, जो शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए भी पूरक है। रेस्को मॉडल के प्रचार के माध्यम से ग्राहक को सौर पैनलों के निरंतर रखरखाव प्रदान किया जाना चाहिए।

डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली की सौर नीति ने 2016 में शहर में रूफटॉप सौर अपनाने की नींव रखी। नई सौर नीति दिल्ली को भारत की सौर राजधानी बना देगी। इसके अलावा एक वैश्विक अध्ययन किया जा सकता है कि कैसे शहर रूफटॉप सोलर मूवमेंट का नेतृत्व कर सकते हैं। यह दिल्ली के रोज़गार बजट के तहत कल्पना की गई हजारों नई हरित नौकरियां भी पैदा करेगा।

बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्य गोपाल ने कहा कि नई नीति के साथ, हमें सभी सरकारी भवनों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करने और सभी व्यक्तिगत घरों को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखना चाहिए। हमें 2030 तक दिल्ली के ऊर्जा क्षेत्र मे सौर ऊर्जा के योगदान को 50 फीसदी से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

आरएमआई इंडिया की प्रबंध निदेशक अक्षिमा घाटे ने कहा कि “रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देना उपभोक्ताओं को बिजली के उत्पादकों में बदलने और उन्हें ऊर्जा अर्थव्यवस्था का एक सक्रिय हिस्सा बनाने की दिशा में पहला कदम है। डिस्कॉम के पास अपनी औसत बिजली खरीद लागत, आरईसी लागत, ट्रांसमिशन और वितरण नुकसान आदि को संभावित रूप से कम करने का एक बड़ा अवसर है। रूफटॉप सोलर को अपनाने से उन्हें उत्पादन क्षमता, ट्रांसमिशन शुल्क और वितरण लागत में निवेश से बचने में मदद मिलती है। सरकारों के लिए ग्रीन नौकरियों पैदा करने का अवसर है उपभोक्ताओं के लिए ग्रिड बिजली की खपत पर उनकी निर्भरता को कम करने में मदद करता है।‌ इसके अलावा कम टैरिफ योजनाओं को चुनकर उनकी बिजली की लागत को कम करता है और उन्हें अतिरिक्त आय बनाने का अवसर देता है।

स्टेकहोल्डर्स ने दिल्ली को सोलराइज़ करने के लिए आवश्यक कार्यान्वयन कार्रवाइयों और मील के पत्थर को भी रेखांकित किया।

सरकार द्वारा आशा व्यक्त की जा रही है कि यह योजना इस क्षेत्र में 40,000 नई हरित नौकरियों के सृजन में भी योगदान देगी।

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