Delhi: मानसून की बारिश से हरिनगर (Hari Nagar) के लोग खुश हों या दुखी, यह स्थानीय लोगों के लिए एक यक्ष प्रश्न है। बारिश की बौछार भले ही मौसम को सुहावना बना देती है लेकिन हरिनगर में जब लोग बारिश के बाद घर से बाहर निकलते हैं तो उनका सामना कीचड़ से होता है। कीचड़ की वजह जगह जगह क्षतिग्रस्त सड़क है, जिसकी करीब पांच महीने पहले खुदाई की गई थी। तब कहा गया था कि काम पूरा होने के बाद इसे दुरुस्त कर दिया जाएगा, लेकिन इसे इसके हाल पर छोड़ दिया गया।
बारिश से पहले धूल की समस्या

हरिनगर यूनाइटेड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश जैन बताते हैं कि बाारिश के बाद आप जब हरिनगर की सड़कों पर निकलेंगे तो जरा सी लापरवाही आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। बारिश से पहले सूखे के मौसम में लोग धूल से परेशान थे। हल्का वाहन भी जब सड़क से गुजरता था, तो धूल का गुबार सांस के जरिए फेफड़े तक पहुंचता था और अब कीचड़ की समस्या से लोग दो चार हो रहे हैं।
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आखिर क्यों नहीं हो रही मरम्मत

हरिनगर निवासी मोनिका बताती हैं कि इस समस्या को लेकर दिल्ली जल बोर्ड व निगम एक दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड वाले कहते हैं कि क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य निगम का है। वहीं निगम का कहना है कि सड़क की जब खुदाई होती थी, तब जल बोर्ड ने पूरा भुगतान नहीं किया था। दोनों के आरोप प्रत्यारोप के बीच क्षेत्र की जनता परेशान हो रही है।
क्यों की गई थी खुदाई

क्षेत्र के लोगों ने बताया कि हरिनगर में जलापूर्ति के समुचित इंतजाम के लिए मायापुरी में बनी यूजीआर से क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाई गई थी। पाइपलाइन तो बिछा दी गई लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं की गई। सबसे ज्यादा बुरा हाल हरिनगर घंटाघर से हरिनगर बस डिपो की ओर जाने वाली सड़क की है। इसके अलावा डॉ. कुंदनलाल मार्ग की भी दशा खराब है। हरिकुंज वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एचचीएस ओबेरॉय का कहना है कि सरकारी विभाग आपस में तय कर लें कि किसे सड़क दुरुस्त करनी है।