Noida: नोएडा को बसे हुए करीब 46 साल का समय हो चुका है, लेकिन नोएडा में रहने वाला या यहां आने वाला शायद ही कोई शख्स होगा, जिसे सड़कों पर कड़े जाम और पार्किंग की समस्या का सामना न करना पड़ा हो। बाजार, औद्योगिक सेक्टर हों या रिहायशी इलाके, हर जगह पार्किंग और जाम की समस्या मुंह बाए खड़ी है, लेकिन समाधान का कोई अता-पता नहीं है। इससे सेक्टर की सोसाइटियों में आए दिन विवाद भी होने लगे हैं।
हालांकि नोएडा प्राधिकरण द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए चार भूमिगत पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर सड़कों पर सरफेस पार्किंग अलॉट की गई हैं, लेकिन पार्किंग ढूंढ़ने के लिए उन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जहां पार्किंग की व्यवस्था है, वहां पर भी लोग सड़कों पर अपनी गाड़ियां पार्क कर देते हैं, जो आए दिन भारी जाम की वजह बन जाता है।
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परिवहन विभाग के अनुसार, जिले में करीब 7 लाख, 64 हजार, 456 रजिस्टर्ड वाहन हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत वाहन नोएडा क्षेत्र के ही हैं। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर से भी काफी वाहन यहां नियमित रूप से आते-जाते हैं। औसत देखें तो नोएडा की सड़कों पर रोज़ सात से आठ लाख गुजरते हैं या यहां पर खड़े होते हैं। प्रदेश का हाईटेक शहर होने और सेक्टर 18, सेक्टर-27, अट्टा मार्केट, जीआईपी, वेब, डीएलएफ, लॉजिक्स आदि बड़े मॉल होने के कारण भी बड़ी संख्या में लोग यहां खरीदारी करने और घूमने आते हैं, मगर शहर में इतनी बड़ी संख्या में गाड़ियों की पार्किंग की कोई उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में लोगों को जाम में फंसना पड़ता है।
इसके अलावा आवासीय सेक्टर्स में नियमों के तहत लोगों के परिसर में ही पार्किंग की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन वहां भी गाड़ियां सड़क पर खड़ी होती हैं। अधिकांश सेक्टर के हर घर में औसतन लगभग दो गाड़ियां हैं। ऐसे में सेक्टर के सभी मुख्य मार्ग व सर्विस रोड हर समय गाड़ियों से घिरे रहते हैं। इसके चलते न केवल आए दिन विवाद होते हैं, बल्कि कई बार यह बड़े झगड़े का कारण भी बन जाता है।
नोएडा सिटीजन फोरम के अध्यक्ष पीसी जैन कहते है कि नोएडा एक औद्योगिक नगरी है, लेकिन कई औद्योगिक सेक्टरों के लैंडयूज़ को कमर्शियल में चेज कर दिया गया है, जिसके कारण बडे-बडे शोरूम खुल गए हैं, जिसमें पार्किंग न होने से यहां पर आने वाले वाहन फुटपाथ पर कब्जा कर लेते हैं।
गौतम बुद्ध नगर के डीसीपी ट्रैफिक गणेश शाह बताते हैं कि नोएडा की सड़कों पर जो पार्किंग की जा रही है, उससे अगर यातायात में रुकावट आती है या यातायात अवरुद्ध होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। उन वाहनों का चालान किया जाता है, गलत ढंग से पार्क की हुई गाड़ियों को भी क्रेनों के द्वारा उठवाकर उनका चालान किया जाता है और यह देखा जाता है कि कहीं भी ऐसी स्थिति न बने, जिससे कि यातायात अवरुद्ध हो।
डीसीपी ट्रैफिक गणेश शाह आगे कहते हैं कि हमारा यह प्रयास है कि ट्रैफिक सामान्य रूप से बिना बाधा के चले। कहीं जाम न लगे। जहां पर सरफेस पार्किंग होती है, वहां पर पार्किंग के बोर्ड लगाए जा रहे हैं, लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि पार्किंग एरिया में ही वाहनों को पार्क करें और आपके वाहन के कारण कहीं भी यातायात में व्यवधान न पैदा हो। जहां तक शोरूम के बाहर गाड़ियां खड़ी होने की बात है, शोरूम के मालिकों को निर्देश दिए जा रहे हैं कि वे अपनी गाड़ियां अपने परिसर के अंदर ही खड़ी करें। जहां गाड़ियों की रिपेयरिंग होती है, वहां पर भी यह समस्या आ रही है। इसके अलावा और जहां पर भी यह दिक्कत आ रही है, वहां कड़ी कार्रवाई की जा रही है। फैक्ट्री शोरूम के संचालकों तो बताया जा रहा है कि वे सड़कों पर गाड़ियां ने खड़ी करें, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उनका यह भी कहना है कि नोएडा प्राधिकरण ने इस समस्या का समाधान करने के लिए शहर को अलग-अलग चार क्लस्टर में बांट कर सड़क पर ही पार्किंग व्यवस्था की है। चार भूमिगत पार्किंग स्थल बनाए हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर सड़कों पर सरफेस पार्किंग अलॉट किए गए और नोएडा में मल्टी लेवल और भूमिगत वाहन पार्किंग को एक ऐप के जरिए जोड़ दिया गया हैं। शहर में कहीं से भी मोबाइल ऐप के ज़रिये पार्किंग की बुकिंग की जा सकेगी। ऑनलाइन भुगतान भी किया जा सकेगा। गूगल मैप के ज़रिये पार्किंग तक पहुंचा भी जा सकेगा।
इन सारे प्रयासों से हम यह अपेक्षा करते हैं कि जल्दी ही नोएडा के ट्रैफिक के रास्ते में आ रही बाधा दूर होगी और सड़कों पर गाड़ियां सुचारू रूप से चलती नज़र आएंगी। साथ ही पार्किंग की समस्या से भी निजात मिलेगी।