जानलेवा साबित हो रहे है ग्रेटर फरीदाबाद की सड़कों के गड्ढे

नगर निगम, एचएसवीपी और स्मार्ट सिटी के बाद अब एफएमडीए शहर को स्मार्ट बनाने के दावें कर रहा है, लेकिन शहर की हालत किसी से छिपी नहीं है।

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Faridabad: नगर निगम, एचएसवीपी और स्मार्ट सिटी के बाद अब एफएमडीए शहर को स्मार्ट बनाने के दावें कर रहा है, लेकिन शहर की हालत किसी से छिपी नहीं है। ग्रेटर फरीदाबाद की विभिन्न सोसायटियों में रहने वाले लोग लाखों करोड़ों खर्च करने के बावजूद खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लोगों के खून पसीने की कमाई से एचएसवीपी द्वारा बनाई गई अनेक सड़कें यहां टूट चुकी हैं। सेक्टर 14 बीपीटीपी पुल से वर्ल्ड स्ट्रीट चौक तक सडक़ दोनों तरफ से टूट चुकी है। सडक़ पर बने गड्ढों की वजह से लोगों को भारी परेशानी तो हो ही रही है। साथ ही अक्सर लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। निर्माण के एक महीने बाद ही सड़क जर्जर होनी शुरू हो गई थी। जिसकी शिकायत करने के बावजूद एचएसवीपी के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। रात को ग्रेटर फरीदाबाद में कई जगह स्ट्रीट लाइटें न जलने से सडक़ों के गड्ढे जानलेवा साबित होने लगते हैं। वहीं दूसरी तरफ सडक़ों के किनारे सीवर का गंदा पानी और कूड़ा-मलवा तक डाला जा रहा है। वहीं एफएमडीए भी नगर निगम और एचएसवीपी के रास्ते पर चल रहा है। जिन सडक़ों को मरम्मत की जरूरत हैं, उनका नए सिरे से निर्माण करवाया जा रहा है।

सीएम विंडो की भी परवाह नहीं

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ग्रेटर फरीदाबाद में विकास से संबंधित ज्यादातर कार्य एचएसवीपी द्वारा करवाए गए हैं। संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार मनमाने तरीके से काम करते रहे। जिसका खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। बीपीटीपी पुल से वर्ल्ड स्ट्रीट चौक तक करोड़ों रुपए की लागत से सड़क बनाई गई थी। निर्माण के एक महीने बाद ही सड़क जर्जर होने लगी थी। जिसे देखते हुए कुछ लोगों ने सीएम विंडो से शिकायत करने के साथ संबंधित अधिकारियों को बताया था, लेकिन इसके बावजूद एचएसवीपी द्वारा ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके कारण अब इस सड़क की हालत काफी खराब हो चुकी है। सड़कों पर जगह जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं। जिनके कारण यहां गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एचएसवीपी के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है। ग्रेटर फरीदाबाद की खस्ताहाल सड़कों की समस्या से परेशान हो चुके लोगों ने अब एक बार फिर सीएम विंडो पर शिकायत की है।

एफएमडीए भी उसी राह पर

एफएमडीए का गठन होने के बाद ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों में कुछ उम्मीद जागी थी, लेकिन एफएमडीए भी नगर निगम और एचएसवीपी के रास्ते पर चल रहा है। बिल्डर और एचएसवीपी की मनमानी की वजह से ग्रेटर फरीदाबाद में रहने वाले लाखों लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। लोगों का यहां हर दिन परेशानी भरा गुजर रहा है। सोसायटियों के निवासियों ने मकान खरीदते समय बिल्डरों को अतिरिक्त विकास शुल्क (ईडीसी) के रूप में करीब छह हजार करोड़ रुपए दिए थे। इस पैसे से बिल्डरों को सोसायटियों में एसटीपी प्लांट लगाने थे। इन प्लांटों में पानी ट्रीट होने के बाद नगर निगम के एसटीपी में जाना था। कुछ बिल्डरों ने एचएसवीपी के पास करोड़ों रुपए जमा करवाए थे। एचएसवीपी ने इस पैसे का कहां इस्तेमाल किया, किसी को नहीं पता। एफएमडीए में एमसीएफ और एचएसवीपी के सेवानिवृत अधिकारी काम कर रहे हैं, जो पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। शहर में ऐसी अनेक सड़कें हैं, जिन्हें सिर्फ मरम्मत की जरूरत है, लेकिन एफएमडीए के अधिकारी मरम्मत करवाने की जगह इन सड़कों का नए सिरे से निर्माण करवाने में जुटा हुआ है, जिससे सरकारी धन व्यर्थ जा रहा है।

परेशान हैं लोग

सेवानिवृत विंग कमांडर एवं समाजसेवी सतेंद्र दुग्गल का कहना है कि ग्रेटर फरीदाबाद की बदहाल हो चुकी सड़कों के कारण लोगों को रोज परेशानी झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बीपीटीपी पुल से वर्ल्ड स्ट्रीट चौक तक जाने वाली सड़क बनने के बाद जर्जर होने लगी थी। सीएम विंडो पर अलग अलग लोगों द्वारा कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद आज तक न तो मरम्मत हुई और न ही ठेकेदार पर कोई कार्रवाई की गई है।

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