वरिष्ठ कवि अजय सिंह के नए कविता संग्रह का हुआ विमोचन-समारोह

हाल ही में वरिष्ठ कवि व चिंतक अजय सिंह (Ajay Singh)की कविताओं का नया संग्रह ‘यह स्मृति को बचाने का समय है’ दिल्ली के ही ‘गुलमोहर किताब’ से प्रकाशित होकर आया है। इस अवसर पर पुस्तक विमोचन समारोह के अलावा एक परिचर्चा और अजय सिंह के काव्य पाठ का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी […]

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हाल ही में वरिष्ठ कवि व चिंतक अजय सिंह (Ajay Singh)की कविताओं का नया संग्रह ‘यह स्मृति को बचाने का समय है’ दिल्ली के ही गुलमोहर किताब’ से प्रकाशित होकर आया है। इस अवसर पर पुस्तक विमोचन समारोह के अलावा एक परिचर्चा और अजय सिंह के काव्य पाठ का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कवियों, आलोचकों, कथाकारों व संस्कृतिकर्मियों ने शिरकत की। यह आयोजन दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में किया था।

कार्यक्रम के वक्ताओं का मानना था कि नए संग्रह में मौजूद कवि अजय सिंह की सभी कविताएं व्यवस्था से लड़ने, प्रेम को जीवित रखने, उसकी संभावनाओं को तलाशने और स्त्रीमुक्ति में गहरे विश्वास को जताते हुए देश को नए सिरे से ढूंढ़ने का आवह्वान करती हैं और विस्मृति के ख़िलाफ स्मृति को बचाने का आह्वान करती हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत में कवि अजय सिंह ने अपने कविता संग्रह यह स्मृति को बचाने का वक्त है से कुछ कविताओं जैसे–कदीमी कब्रिस्तान, “प्रधानमंत्री की सवारी, “पुराने ढंग की प्रेम कविता, “भाषा का सही इस्तेमाल यह स्मृति को बचाने का वक्त है, “दुनिया बीमारी या महामारी से ख़त्म नहीं होगी, “राखी के मौके पर एक बहन की पुकार, शोभा की सुन्दरता आदि का पाठ किया। उन्होंने प्रतिरोध के स्वर को तेज़ करने और इसके प्रतीकों को याद रखने पर बल दिया।

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