Greater Noida: La Residentia कंपनी के दिवालिया घोषित होने से सोसाइटी के निवासियों और खरीदारों कि मुश्किलें बढ़ी

एनसीएलटी द्वारा La Residentia कंपनी को दिवालिया घोषित करने के बाद ला रेजिडेंटिया सोसाइटी में रह रहे निवासियों और खरीदारों कि मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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Greater Noida: एनसीएलटी द्वारा La Residentia कंपनी को दिवालिया घोषित करने के बाद ला रेजिडेंटिया सोसाइटी में रह रहे निवासियों और खरीदारों कि मुश्किलें बढ़ गई हैं। काफी संख्या में लोग बुक कराए गए फ्लैट के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर ने पैसे लेने के बाद भी फ्लैट का कब्जा नहीं दिया। कई खरीदार तो ऐसे हैं, जिनके फ्लैट के पजेशन देने की तारीख निकल चुकी है। ऐसे ला रेजिडेंटिया कंपनी को दिवालिया घोषित करने की खबर उनके लिये दिल तोडने वाली है।

दरअसल ला रेजिडेंटिया कंपनी ने 2016 में पाइप, साकेट, सीमेंट आदि खरीदा था, लेकिन भुगतान नहीं किया। जिसके खिलाफ सिंघल पाइप्स ने एनसीएलटी में वाद दायर किया था। ला रेजिडेंटिया ने सिंघल पाइप्स को 27 लाख का बकाया भुगतान करने के बजाय दिवालिया घोषित होने का विकल्प चुना है। एनसीएलटी ने कंपनी को दीवालिया घोषित कर दिया है। प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नवीन कुमार जैन को आईआरपी नियुक्त किया है। खरीदारों के पास अपना दावा दायर करने के लिए आठ जून तक का समय है। पूरी प्रक्रिया 180 दिनों में पूरी होने की उम्मीद है।

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ला रेजिडेंटिया में फ्लैट बुक करने वाले विनीत चौधरी का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षों से अपने घरों का इंतजार कर रहे हैं, जब सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डर को जल्द से जल्द परियोजना को पूरा करने का निर्देश दिया था, हम आशान्वित थे लेकिन एनसीएलटी का यह आदेश हम सभी के लिए आश्चर्य की बात है! किसी को नहीं पता था कि यह मामला चल रहा है! हम असमंजस में हैं कि क्या करें?

सोसाइटी के निवासी सुमिल जलोटा ने बताया कि सोसाइटी में पहले से ही समस्याओं का अम्बर है, आए दिन कोई न कोई समस्या हो रही है। इसके बाद अब बिल्डर के दिवालिया घोषित हो जाने की वजह से खरीदारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खरीदार आशीष दुबे ने बताया कि बिल्डर के दिवालिया होने से लोगों के समाने दिक्कत खड़ी हो गई है। घर के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, ऐसे इस तरह की खबर आने से सड़कों पर आने को मजबूर होना पड़ेगा।

ला रेजिडेंटिया प्रोजेक्ट के पहले फेज के एक खरीदार अभिषेक चौहान, का कहना है की वे अपनी रजिस्ट्री और सुविधाओं की प्रतीक्षा कर रहे थे लेकिन ऐसा लगता है, कि बिल्डर परियोजना को पूरा करने के बजाय केवल 28 लाख बकाया के लिए आसान  रास्ता चुन रहा है। एक और खरीदार हरीश शर्मा का कहना है कि मेरे पास कोई रजिस्ट्री नहीं है, कोई सुविधा नहीं है और ऐसा लगता है कि अब ऐसा कभी नहीं होने वाला है! जाने हमारे प्रोजेक्ट और मेहनत की कमाई का क्या होगा जो हमने यहां निवेश किया है!

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