Delhi: कल विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) है। पूरी दुनिया में साइकिल के इस्तेमाल को लेकर बड़ी बड़ी बातें होंगी। लेकिन एक बड़ा सवाल है कि आखिर साइकिल चलाएं तो कहां? साइकिल चालकों के लिए द्वारका व जनकपुरी में बनाए गए ट्रैक अब उपेक्षा की शिकार हो रही है। जनकपुरी में पंखा रोड के किनारे बने साइकिल ट्रैक पर सिवाय साइकिल के सब कुछ नजर आता है। देखरेख के अभाव में यह ट्रैक बदहाल दिखाई देता है। आलम यह है कि अब साइकिल ट्रैक पर साइकिल चालकों की हलचल नहीं बल्कि बल्कि बसें, कारें व ट्रकों का जमावड़ा नजर आता है। इसका प्रयोग पार्किंग के रूप में हो रहा है, और तो और ट्रैक पर कई जगह झुग्गियां भी बन चुकी हैं। उधर द्वारका की बात करें तो यहां साइकिल ट्रैक जगह-जगह क्षतिग्रस्त नजर आती है। जानकारी के लिए लगे साइनएज बोर्ड टूटने लगे हैं।
जनकपुरी में वर्ष 2001 में बना था साइकिल ट्रैक
प्रदूषण रहित यातायात व साइकिल चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली नगर निगम द्वारा वर्ष 2001 में करीब दो करोड़ की लागत से साइकिल ट्रैक का निर्माण किया गया था। शुरुआत में तो सब कुछ ठीक रहा लेकिन बनने के चंद वर्षो बाद इसकी तरफ इसे बनाने वाली एजेंसी यानि दिल्ली नगर निगम ने ध्यान देना बंद कर दिया। स्थिति यहां तक हो गई कि ट्रैक का प्रयोग कूड़ा फेंकने के लिए किया जाने लगा। धीरे धीरे यहां कूड़ा घर बनने लगे। यह कूड़ा घर ट्रैक के बीचों बीच बनाया गया। निगम की इस उपेक्षा का फायदा अन्य विभागों की ओर से भी उठाया जाने लगा। कभी बिजली विभाग तो कभी जल बोर्ड द्वारा इस ट्रैक पर खुदाई की जाने लगी। ये विभाग ट्रैक की खुदाई तो कर देते थे लेकिन इसे दुबारा मरम्मत करने की जहमत नहीं उठाते। यह सिलसिला चलता रहा और धीरे धीरे साइकिल ट्रैक नाममात्र का साइकिल ट्रैक रह गया।
बदला विभाग नहीं बदली किस्मत
पहले साइकिल ट्रैक दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत थी। लेकिन बाद में राजधानी की चौड़ी सड़कों को लोक निर्माण विभाग के सुपुर्द कर दिया गया। इस क्रम में पंखा रोड व साइकिल ट्रैक की देखरेख का जिम्मा भी लोक निर्माण विभाग के पास आ गया। तब लोगों ने सोचा था कि शायद विभाग बदलने से ट्रैक की दशा सुधरेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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द्वारका में हाल सही नहीं
द्वारका में साइकिल ट्रैक को बने बमुश्किल एक वर्ष हुए हैं। लेकिन एक वर्ष के भीतर ही साइकिल ट्रैक की हालत जगह जगह खस्ताहाल नजर आ रही है। द्वारका सेक्टर 13 के सामने साइकिल ट्रैक से साइनएज बोर्ड उखड़ चुका है। ट्रैक पर सफेद रंग की बनी पट्टी अब धूमिल पड़ने लगी है।
क्या कहते हैं लोग
जनकपुरी निवासी मलकीत बताते हैं कि साइकिल ट्रैक की अनदेखी का फायदा कई लोग उठाते हैं। इसपर बसों की अवैध पार्किंग होती है। भवन निर्माण सामग्री का व्यापार होता है। कई जगह अवैध स्टैंड बने हुए हैं। इस अतिक्रमण हो रहा है। यह उपेक्षा बंद होना चाहिए।
जनकपुरी निवासी लवली बताते हैं कि एक अच्छी योजना की इतनी बुरी दशा पैसों की बर्बादी है। सरकार को साइकिल ट्रैक की दशा सुधारने के प्रयास करने चाहिए। द्वारका निवासी प्रोमिला मलिक बताती हैं कि उपनगरी में साइकिल ट्रैक का निर्माण तो अच्छा है लेकिन इसकी देखरेख भी तो सही तरीके से होनी चाहिए।