Noida- नोएडा-ग्रेटर नोएडा के महामार्ग रास्तों,एक्सप्रेस वे पर प्रतिदिन पीक आवर में लगने वाले जाम से निपटने के लिए प्राधिकरण की ओर से यातायात प्रबंधन की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. सिविल विभाग के सहयोग से एस्प्रेशन आफ इंट्रेस्ट (ईओआइ) जारी करते हुए इच्छुक कंपनियों से आवेदन मांगा गया था. जिसके अंतर्गत राइट्स और स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की ओर से यातायात की समस्या से निपटने, पर्याय मार्ग बदलाव आदि का सर्वे करने का प्रस्ताव प्राधिकरण के पास भेजा था.
राइट्स और स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर की ओर से सबसे कम राशि में सर्वेक्षण कार्य करने का प्रस्ताव सिविल विभाग की ओर से मंजूर किया गया. अब इस कार्य को शुरू करने के फाइल को मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी के पास आवश्यक अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है.
यह भी पढ़ें: नोएडा, ग्रेटर नोएडा में निजी स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग सख्त
आगामी 30 वर्ष के यातायात को ध्यान में रखकर यातायात प्रबंधन की योजना पर काम शुरू किया जा है. इसमें जल्दी ही शुरू होने जा रहे कालिंदी कुंज के पास दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के लूप को भी ध्यान रखा जा रहा है. इसके प्रारम्भ होने से यातायात में तेज़ी आने की संभावना है, जिससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा की समस्या और बढ़ सकती है. भविष्य में आने वाली इस तरह की दिक्कतों से निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने तैयारी शुरू कर दी है.
आगामी 30 वर्ष में नोएडा-ग्रेटर नोएडा की यातायात व्यवस्था के लिए सर्वे करने और उसका ड्राइंग डिजाइन करने के लिए प्राधिकरण की ओर से राइट्स और स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर को ढाई करोड़ रुपये का भुगतान किया जायेगा.
नोएडा प्राधिकरण सिविल विभाग उपमहाप्रबंधक श्रीपाल भाटी ने बताया कि नोएडा में दिल्ली, फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम, सोनीपत, गाजियाबाद, हापुड़, सिकंदरबाद, बुलंदशहर आदि इलाकों से आने जाने वालों की संख्या अधिक है. ऐसे में इस पूरे शहर में ट्रैफिक का फिर से आंकलन आवश्यक है. इसके लिए एक खाका तैयार करना होगा, जिसमें कहां-कहां अंडरपास, फ्लाईओवर, एलिवेटेड, सड़क चौड़ीकरण, बाटलनेक को खत्म करना, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर नया विकल्प तलाशना जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर जानकारी इकठ्ठी की जाएगी.
एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से रोजाना पीक आवर सुबह सात से 11 और शाम चार से रात आठ बजे तक प्रतिघंटा लगभग 43 हजार वाहन निकलते हैं जबकि एक दिन में करीब दस लाख वाहन गुजरते हैं. स्थितियों के कारण यह वाहन मानक स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से नहीं दौड़ पाते.
उपमहाप्रबंधक श्रीपाल भाटी के अनुसार यही स्थिति नोएडा के एमपी-1, 2, 3 और सड़क नंबर-6 की है,जहां पर गति सीमा 80 किमी प्रति घंटा है लेकिन ट्रैफिक फ्लो ज्यादा होने के कारन वाहन 50 किमी तक ही चल पाते हैं. आगामी पांच से सात वर्षों में इन सड़कों पर यातायात को लेकर स्थित विषम हो जाएगी. जिसे अभी से नियोजित करना आवश्यक है.