World Paper Bag Day: स्कूली छात्राओं ने प्लास्टिक बैग का विकल्प सुझाया

प्लास्टिक बैग का विकल्प प्रयोग में लाने के लिए को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान छात्राओं ने पेपर बैग का इस्तेमाल करने पर ज्यादा बल दिया।

Faridabad न्यूज़

Faridabad: विश्व पेपर बैग दिवस (World Paper Bag Day) के अवसर पर एनएच तीन स्थित गवर्नमेंट गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने प्लास्टिक बैग का विकल्प प्रयोग में लाने के लिए को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान छात्राओं ने पेपर बैग का इस्तेमाल करने पर ज्यादा बल दिया।

स्कूल के प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि अब  देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे में हमें सब से अधिक प्रयोग में लाई जा रहे प्लास्टिक के थैलों अथवा थैलियों का विकल्प भी ढूंढना हैं। यह दिवस प्लास्टिक के स्थान पर पेपर बैग के उपयोग के बारे में जागरूकता अभियान चलाने और सभी को जागरूक करने का दिन है। निरंतर कभी न समाप्त होने वाला प्लास्टिक का प्रदूषण चरम पर है। चाहे वायु प्रदूषण हो या जल प्रदूषण। यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक चीजों में से एक है। पर्यावरण पर प्लास्टिक की थैलियों के प्रतिकूल प्रभावों ने ही पेपर बैग के उपयोग को बढ़ावा दिया है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसे लाखों लोग हैं, जिन्होंने प्लास्टिक बैग को छोड़ पेपर बैग और जूट के बैग का प्रयोग बढ़ा रहे हैं। फिर भी अभी करोड़ों व्यक्ति प्लास्टिक की थैलियों का धड़ल्ले से प्रयोग करते आ रहे हैं। यही कारण है कि आज बारह जुलाई को पेपर बैग दिवस मनाकर इसके उपयोग के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाती है। पेपर बैग पर्यावरण के अनुकूल हैं तथा ये पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में सहायता करते हैं। पेपर बैग सौ प्रतिशत री-साइकिल किए जा सकते हैं। सब से विशेष बात कि ये मात्र एक महीने में ही विघटित हो सकते हैं।

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इस मौके पर स्कूली छात्राओं ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि प्लास्टिक बैग बनाने की तुलना में पेपर बैग बनाने में कम ऊर्जा खपत होती है। पेपर बैग पालतू या अन्य जानवरों के लिए उतने हानिकारक नहीं है, जितने कि प्लास्टिक बैग हैं। पेपर बैग का उपयोग खाद बनाने के लिए भी किया जा सकता है। स्कूल की छात्रा हेमलता, रिद्धिमा, मुस्कान पांडे, ताबिंदा और अपूर्वा ने प्लास्टिक बैग के स्थान पर पेपर, कपड़े अथवा जूट से बने बैग का उपयोग कर पर्यावरण को संरक्षित करने का सुझाव दिया। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने सभी छात्राओं का प्लास्टिक बैग के विकल्प सुझाने और उन के उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करने के लिए आभार प्रकट करते हुए अभिनंदन किया।

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