द्वारका (Dwarka) में सड़क पर ग़लत दिशा में वाहन चालना एक आम बात हो गई है। पीक ट्रैफिक के दौरान भी लोगों को उल्टी दिशा में वाहन चलाते हुए देखा जा सकता है। न केवल कार और बाइक, बल्कि भारी वाहन, स्कूल वैन और डीटीसी बसें भी यातायात नियमों का खुलेआम उल्लंघन करते हुए देखी जा सकती हैं। ये अलग बात है कि पुलिस दावा कर रही है कि इस प्रकार की हरकतें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उनके चालान काटे जा रहे हैं। फिर भी रॉन्ग साइड पर बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए लगता तो नहीं है कि इस प्रकार की घटनाओं में कोई कमी देखने में आ रही है।
यहां के निवासियों ने बताया कि सुबह के समय रॉन्ग साइड ड्राइविंग के कारण सिग्नल पर घंटों लंबा जाम लग जाता है। हरसुख अपार्टमेंट सेक्टर 7 के पूर्व संयुक्त सचिव रवि जेटली कहते हैं कि सुबह के समय स्कूल वैन अपना समय बचाने के लिए यातयात के नियमों का खुलकर उल्लंघन करती हैं। वे लापरवाही से वाहन चलाते हैं और अन्य यात्रियों के लिए ख़तरनाक स्थिति पैदा करते हैं। कई वाहन गलत साइड लेकर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं और उनकी देखादेखी रॉन्ग साइड ड्राइविंग करने वालों का तांता लग जाता है। द्वारका कोर्ट के पास और पालम फ्लाईओवर पर गलत दिशा में ड्राइविंग एक सामान्य बात है।
इसके अलावा द्वारका के सेक्टर 6/10/5/11 के चौक पर एवं द्वारका सेक्टर 3ए एमआरवी बस स्टैंड और डीएसपी कार्यालय के सिग्नल पर लाल बत्ती जंप करना और गलत साइड ड्राइविंग एक सामान्य नजारा है, जिस कारण लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार इस कारण से रोड़ पर घंटों लंबा जाम भी लग जाता है।
सेक्टर 17 निवासी संजय सिंह कहते हैं कि यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वालों में ट्रैफिक पुलिस का कोई डर नहीं है। नियमों को अनदेखा करने वाले भारी वाहनों तक को भी यातायात पुलिस अक्सर आसानी से छोड़ देती है, इसीलिए बाकी चालक भी ऐसा ही करते हैं। वे कहते हैं कि यातायात पुलिस को सख्ताई से यातायात नियमों का पालन करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चूंकि अंदरूनी गलियों में लगी रेडलाइट्स पर ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी सामान्यता उपलब्ध नहीं होते और इन रेडलाइट्स पर कैमरे की व्यवस्था भी नहीं होती, इसीलिए इन चौराहों पर रेडलाइट जंप और ग़लत दिशा में वाहन चलाने की घटना अधिक होती है और सड़क दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
सेक्टर 12 द्वारकाधीश अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अंजना सिन्हा कहती हैं कि ट्रैफिक पुलिस इन घटनाओं की तब तक अनदेखी करती रहती है, जब तक वे कोई विशेष सड़क सुरक्षा अभियान न चला रही हो या फिर कोई बड़ा हादसा ही न हो जाए। पुलिस को गलत दिशा में चलने वाले वाहनों पर नियमों के अंतर्गत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पहले इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए बाइक सवार पुलिस अधिकारी मौजूद रहते थे, जो आजकल दिखाई तक नहीं पड़ते। ऐसे मुद्दों को यातायात पुलिस को गंभीरता से लेना चाहिए।
जब इस संबंध में यातायात पुलिस अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करने की बात कही।