कठिन परिश्रम और अनथक प्रयासों के बाद बन पाईं नृत्यांगना : कविता द्विबेदी

कविता कहती है कि दूर से देखने पर किसी को भी मेरा नृत्यांगना बनना आसान लगेगा कि मेरे पिता ओडसी नृत्य के महान गुरु थे, लेकिन आपको जानकर हैरत होगी कि यही मेरे जीवन का सबसे बड़े संघर्ष की शुरुआत थी कि मेरे पिता ओडिसी नृत्य के महान गुरु थे।

Continue Reading